उन्होंने बताया कि यक्ष्मा या टीबी (ट्यूबर क्लोसिस) एक सामान्य बीमारी है, लेकिन देश में ज्यादातर मौतें टीबी की वजह से ही होती हैं. उन्होंने बताया कि हर पांच मिनट में टीबी से दो व्यक्तियों की मौत होती है. रांची जिले में वर्ष 2015 में 258 लोगों की यक्ष्मा के संभावित मरीज के तौर पर जांच की गयी थी, जो बढ़ कर 502 हो गयी है. वहीं, अब तक टीबी के 21 मरीज चिह्नित किये गये हैं.
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विश्व यक्ष्मा दिवस आज: टीबी से हर पांच मिनट में होती है दो लोगों की मौत
रांची: विश्व यक्ष्मा दिवस 24 मार्च को है. इसको लेकर शहर में प्रभातफेरी निकाली जायेगी. साथ ही शहर में चार जगहों पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बलगम की जांच की भी की जायेगी. इस संबंध में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ विजय बिहारी प्रसाद ने गुरुवार को कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. […]
रांची: विश्व यक्ष्मा दिवस 24 मार्च को है. इसको लेकर शहर में प्रभातफेरी निकाली जायेगी. साथ ही शहर में चार जगहों पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बलगम की जांच की भी की जायेगी. इस संबंध में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ विजय बिहारी प्रसाद ने गुरुवार को कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. डॉ विजय सदर अस्पताल सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
सदर अस्पताल से निकलेगी प्रभात फेरी
डॉ विजय ने बताया कि विश्व यक्ष्मा दिवस पर 24 मार्च को सुबह 7:30 बजे सदर अस्पताल में प्रभात फेरी निकाली जायेगी, जो कचहरी चौक होते हुए वापस सदर अस्पताल पहुंचेगी. शहर के पांच इलाकों में यक्ष्मा जांच शिविर सह जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है. यह शिविर पत्थलकुदवा, हिंदपीढ़ी, मधुकम, हातमा व इस्लामनगर में लगाया जा रहा है. शिविर में लोगों को यक्ष्मा के बारे में बताया जायेगा साथ ही उनके बलगम की भी जांच की जायेगी. मौके पर रांची सिविल सर्जन डॉ शिवशंकर हरिजन ने बताया कि इस टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में रांची जिले में 25 कर्मचारी लगे हुए हैं. साथ ही सहियाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है. गुरुवार शाम कैंडल मार्च भी निकाला गया. मौके पर डॉ एनके भगत भी शामिल थे.
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