ई-ट्रेडिंग के लाइसेंस के लिए इच्छुक व्यक्ति को संबंधित बाजार समिति की कमेटी के पास आवेदन करना होगा. यह कमेटी विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी. फिर यह आवेदन कमेटी के माध्यम से मार्केटिंग बोर्ड के पास आयेगी. अावेदक को झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के नाम से 1,000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट भी देना होगा. वहीं, लाइसेंस नवीकरण के लिए 500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट लगेगा. लाइसेंस नवीकरण फेल होने की स्थिति में 100 रुपये प्रति दिन के साथ नवीकरण शुल्क देना होगा.
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ई-ट्रेडिंग: राज्य के किसानों व व्यापारियों के लिए अच्छी खबर, एक ही लाइसेंस से कहीं भी कर सकेंगे खरीद-बिक्री
राज्य के किसानों व व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें ई-ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग मंडियों से लाइसेंस नहीं लेना होगा. उन्हें एक ही लाइसेंस जारी किया जायेगा, जो पूरे राज्य के लिए मान्य होगा. इसके माध्यम से वे अपने उपज की खरीद व बिक्री राज्य में कहीं भी कर सकेंगे. इससे संबंधित अधिसूचना […]
राज्य के किसानों व व्यापारियों के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें ई-ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग मंडियों से लाइसेंस नहीं लेना होगा. उन्हें एक ही लाइसेंस जारी किया जायेगा, जो पूरे राज्य के लिए मान्य होगा. इसके माध्यम से वे अपने उपज की खरीद व बिक्री राज्य में कहीं भी कर सकेंगे. इससे संबंधित अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी कर दी है.
रांची : राज्य के किसानों और व्यापारियों को पूर्व में हर मंडियों के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेना पड़ता था. इससे काफी परेशानी होती थी. राज्य सरकार के नये फैसले के तहत अब मार्केटिंग बोर्ड की ओर से किसान या व्यापारी को ई-ट्रेडिंग के लिए एक ही लाइसेंस जारी किया जायेगा.
ई-ट्रेडिंग के लाइसेंस के लिए इच्छुक व्यक्ति को संबंधित बाजार समिति की कमेटी के पास आवेदन करना होगा. यह कमेटी विभिन्न बिंदुओं पर जांच करेगी. फिर यह आवेदन कमेटी के माध्यम से मार्केटिंग बोर्ड के पास आयेगी. अावेदक को झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद के नाम से 1,000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट भी देना होगा. वहीं, लाइसेंस नवीकरण के लिए 500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट लगेगा. लाइसेंस नवीकरण फेल होने की स्थिति में 100 रुपये प्रति दिन के साथ नवीकरण शुल्क देना होगा.
क्या है ई-ट्रेडिंग : ई-ट्रेडिंग उस बाजार को कहा जाता है, जहां अधिसूचित कृषि उपजों का व्यापार एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है. इस नयी व्यवस्था में अब किसान बाजार समिति में आकर ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए अपनी फसल बेच सकता है. इसके जरिए वह उपज की गुणवत्ता के अनुसार उत्तम मूल्य प्राप्त कर सकता है. यदि उसे मूल्य पसंद न हो, तो वह ऑनलाइन की गयी सर्वोच्च बोली को खारिज भी कर सकता है. किसान को ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था भी है.
लाइसेंस रद्द करने की हो रही कार्रवाई
इधर, ई-ट्रेडिंग के नाम पर पंडरा बाजार समिति में 150 से अधिक लाइसेंस जारी किये गये हैं. मार्केटिंग बोर्ड की एमडी पूजा सिंघल ने कहा कि ई-ट्रेडिंग के नाम पर गलत तरीके से जारी किये गये सभी लाइसेंसों को रद्द किया जायेगा. इसकी कार्यवाही शुरू कर दी गयी है.
निगरानी जांच की फाइल अध्यक्ष के पास पहुंची
बाजार समिति में गलत तरीके से गोदाम आबंटन की निगरानी जांच कराने की अनुशंसा मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष गणेश गंझू को भेजी गयी है. बोर्ड की एमडी पूजा सिंघल ने जांच की अनुशंसा की थी. श्री गंझू की सहमति के बाद निगरानी जांच शुरू की जायेगी. प्रभात खबर में ई-ट्रेडिंग के नाम पर फरजी तरीके से गोदाम आबंटन की खबर छपी थी. बोर्ड ने जांच करायी, जिसमें तत्कालीन सचिव अजीत सिंह दोषी पाये गये.
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