रांची : नगर निगम सभागार में शुक्रवार को दूसरे दिन हुई निगम बोर्ड की बैठक में जम कर हंगामा हुआ. इसकी वजह बना राजधानी की स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस काम ब्राइट न्यून को देना और 19 नवंबर को मेयर द्वारा बुलायी गयी बैठक की वैधानिकता की संपुष्टि. इस विवाद में एक ओर मेयर आशा लकड़ा खड़ी थीं, जबकि दूसरी ओर डप्टी मेयर, नगर आयुक्त और पार्षद खड़े थे. काफी तू-तू, मैं-मैं के बाद मेयर बैठक छोड़ कर निकल गयीं.
रांची : निगम बोर्ड की बैठक शुरू होते ही ब्राइट न्यून को काम देने और 19 नवंबर की बैठक की संपुष्टि के मामले को लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कड़ा बयान दिया. उन्होंने डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार और सभी पार्षदों से तल्ख लहजे में कहा कि आपलोग फैसला करने वाले कौन हाेते हैं? निगम में वही होगा, जो मैं फैसला लूंगी. इस पर बैठक में मौजूद पार्षद उग्र हो गये. वे डायस के सामने पहुंच गये और मेयर से कहने लगे कि अापके पास कोई पावर नहीं है. सारा पावर निगम बोर्ड के पास है. आप भी हमारी तरह ही इस बोर्ड में सदस्य ही हैं. जो भी फैसला होगा, बोर्ड की बैठक में होगा.
पार्षदों के आक्रोश पर मेयर आशा लकड़ा और नाराज हो गयीं. उन्होंने नगर आयुक्त की ओर मुखातिब होकर कहा कि मैं जो आदेश दे रही हूं, वही निगम में लागू किया जाये. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि अापके अकेले कहने से हम किसी फैसले को नहीं मान लेंगे. जो सबका फैसला होगा, वही फाइल पर लिखा जायेगा. नगर आयुक्त के इस जवाब और पार्षदों के विरोध को देखते हुए मेयर बैठक से निकल गयीं. इसके बाद मेयर के इस प्रस्ताव काे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया. हालांकि, मेयर ने देर शाम संवाददाताओं को खुद फोन कर बताया कि उनके द्वारा 19 नवंबर को बुलायी गयी बैठक को बोर्ड ने संपुष्ट कर दिया है.
क्या हुआ था 19 नवंबर की बैठक में : 19 नवंबर को मेयर द्वारा निगम बोर्ड की बैठक बुलायी गयी थी, जिसका पार्षदों ने बहिष्कार कर दिया था. बैठक में केवल नौ पार्षद ही शामिल हुए थे. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने मेयर के इस बैठक के वैधानिकता को चुनौती देते हुए महाधिवक्ता से राय मांगी थी. महाधिवक्ता ने भी मेयर के 19 नवंबर के बैठक को अवैध घोषित किया था.
ब्राइट कंपनी को लेकर फिर आमने-सामने हुए डिप्टी मेयर : शहर में लाइट मेंटेनेंस का काम करनेवाली एजेंसी ब्राइट न्यून को लेकर एक बार फिर मेयर व डिप्टी मेयर आमने-सामने हो गये. मेयर ने कहा कि कंपनी के कार्यों का मुल्यांकन होना चाहिए. आखिर वह जो होर्डिंग लगा रही है, उससे प्राप्त राशि का उपयोग कहां हो रहा है. इस पर डिप्टी मेयर ने कहा कि ब्राइट कंपनी पर सवाल खड़े करने से पहले आप एक बार जान लीजिए कि निगम की पहचान अगर किसी कार्य में सबसे अच्छी है, तो वह लाइट मेंटनेंस में है. उप महापौर ने कहा कि हाल ही में एलइडी लाइट लगाने के लिए इइएसएल के साथ करार किया गया है. वह कंपनी भी राजधानी रांची के 32 हजार लाइटों के मेंटेनेंस के लिए 1.28 करोड़ की राशि मांग रही है. अगर यह काम ब्राइट कंपनी नि:शुल्क कर रही है, तो इसमें गलत क्या है? उप महापौर के इस सवाल पर पार्षद ओमप्रकाश ने सवाल खड़ा किया कि आखिर ब्राइट कंपनी को एक्सटेंशन भी तो आपने ही दिया है. आप उस समय भी मेयर थे. उस समय इस प्रस्ताव को रोक देते. इस पर मेयर ने कहा कि उन्हें अंधेरे में रखकर ब्राइट को शहर के लाइट मेंटनेंस का काम सौंपा गया. उन्हें यह बताया ही नहीं गया था कि कंपनी लाइट मेंटनेंस करने के एवज में होर्डिंग भी लगायेगी.
प्रेम की मनुहार नहीं समझते शहर के लोग, मार्शल वसूलेंगे जुर्माना
शहर में खुले में कचरा फेंकनेवालों को बहुत बार प्रेम से समझाया गया, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है. ऐसे लोगों से निबटने के लिए निगम मार्शल की बहाली कर रहा है. जब ऐसे लोगों से जुर्माना वसूला जायेगा, तभी वे सुधरेंगे. ये बातें नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने निगम बोर्ड की बैठक में कही. उन्होंने कहा कि मार्शल बहाली के लिए एजेंसी चयन के लिए तीन बार टेंडर निकाला गया, लेकिन किसी एजेंसी ने भागीदारी नहीं की. इसलिए टेंडर के प्रस्ताव में संशोधन किया गया है. मार्शलों को निगम प्रतिमाह चार हजार वेतन देगा. वहीं एजेंसी जो जुर्माना वसूलेगी, उसकी एक निर्धारित राशि एजेंसी को दी जोयगी.
मोबाइल फूड वैन से ली जायेगी पांच हजार व तीन हजार की राशि
शहर में अवैध रूप से पार्किंग स्थलों पर लगनेवाले मोबाइल वैन से रांची नगर निगम प्रतिमाह निश्चित राशि वसूलेगा. राशि लेने के बाद निगम उन्हें प्रमाण पत्र और स्थान आवंटित करेगा. प्रमुख सड़कों के लिए पांच हजार व सहायक सड़कों के लिए तीन हजार लिये जायेंगे.
पार्षदों को हर माह मिलेंगे 5000
होल्डिंग टैक्स वसूली में नगर निगम द्वारा अच्छा प्रदर्शन किये जाने पर नगर आयुक्त ने कहा कि अब से प्रत्येक माह वार्ड पार्षदों को पांच हजार रुपये यात्रा, मोबाइल व अतिथि सत्कार भत्ता के रूप में नगर निगम देगा.
होल्डिंग टैक्स नहीं भरा, तो नहीं मिलेगा बोरिंग का परमिशन
नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने कहा कि जिन लोगों ने अपने मकान या जमीन का होल्डिंग नंबर नहीं लिया है, उन्हें बोरिंग कराने की अनुमति नहीं मिलेगी. साथ ही जो लोग जन्म व मृत्यु के आवेदन लेकर आयेंगे, उनसे भी होल्डिंग नंबर की मांग की जायेगी. नगर आयुक्त ने कहा कि जिस वार्ड से जितनी राशि होल्डिंग की मिली है, उसका 10 प्रतिशत उसी वार्ड में खर्च किया जायेगा. सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ष्ण कुमार ने सभी 55 वार्डों से प्राप्त टैक्स की राशि का भी विवरण दिया. होल्डिंग टैक्स भरने में वार्ड नंबर 29 पहले और वार्ड नंबर 37 के नागरिक दूसरे स्थान पर हैं.
रांची : नयी होल्डिंग टैक्स नियमावली के तहत होल्डिंग नंबर के लिए आवेदन जमा करने की अवधि 31 मार्च तक बढ़ा दी गयी है. यह जानकारी नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने शुक्रवार को दी है. उन्होंने कहा कि जनता की मांग पर यह फैसला लिया गया है, लेकिन यह आखिरी तारीख होगी.
श्री सिंह ने कहा कि अब तक तीन बार होल्डिंग टैक्स जमा करने की अवधि बढ़ायी जा चुकी है. अब जो लोग होल्डिंग टैक्स जमा नहीं करेंगे, उनसे जुर्माना वसूला जायेगा. नगर विकास मंत्री ने कहा कि नगर निगम से आप सुविधा चाहते हैं, तो होल्डिंग टैक्स भी देना चाहिए. वह राज्य की जनता से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द अपना होल्डिंग टैक्स जमा करायें. क्योंकि सरकार को टैक्स मिलेगा, तो उसका लाभ जनता को ही मिलेगा. निगम द्वारा पानी, बिजली आदि की सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी.
कोई अनावश्यक तंग करे, तो मुझसे करें शिकायत : मंत्री ने कहा कि यह सही है कि कुछ लोगों को परेशानी भी हो रही है, लेकिन मैनपावर भी बढ़ाये गये हैं. जगह-जगह कैंप लगाया जा रहा है, जहां लोग होल्डिंग टैक्स जमा कर सकते हैं. यदि उन्हें कोई अनावश्यक तंग करता है, तो लोग सीधे उनसे शिकायत कर सकते हैं. वह चाहते हैं कि जनता होल्डिंग टैक्स निर्धारित तिथि पर जमा करे ताकि उन्हें फाइन न देना पड़े.
3219 आवेदन आये होल्डिंग के लिए
नयी होल्डिंग टैक्स नियमावली के तहत शुक्रवार को होल्डिंग के 3219 आवेदन जमा हुए. सारे आवेदन नगर निगम द्वारा 55 वार्डों में लगाये गये कैंप में लोगों ने जमा किया. इन आवेदनों के एवज में नगर निगम ने 1.61 करोड़ की राशि राजस्व के रूप में प्राप्त की. आठ नवंबर से शुरू हुए होल्डिंग अभियान के तहत अब तक राजधानी के 1.28 लाख लोगों ने होल्डिंग के लिए आवेदन दिया. इन आवेदनों के एवज में नगर निगम ने 30.74 करोड़ की राशि राजस्व के रूप में प्राप्त की है.