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छठी सिविल सेवा पीटी के रिजल्ट को लेकर जेपीएससी ने स्थिति स्पष्ट की, पीटी में नहीं, मुख्य परीक्षा में मिलेगा आरक्षण का लाभ

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर उठे विवाद पर आयोग के अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट की है. आयोग के सचिव एमके मिश्र, परीक्षा नियंत्रक विवेक नारायण अखौरी अौर लॉ अफसर एके मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि रिजल्ट को लेकर आज कई […]

रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को लेकर उठे विवाद पर आयोग के अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट की है. आयोग के सचिव एमके मिश्र, परीक्षा नियंत्रक विवेक नारायण अखौरी अौर लॉ अफसर एके मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि रिजल्ट को लेकर आज कई असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने आयोग कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन दिया. इसमें रिजल्ट के प्रकाशन में गड़बड़ी बतायी गयी है. सचिव एमके मिश्र ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि रिजल्ट प्रकाशन में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गयी है. किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है.
राज्य सरकार की अोर से 326 पदों की रिक्ति आयोग को मिली. मुख्य परीक्षा के लिए पीटी में एक पद के विरुद्ध 15 गुना के आधार पर रिजल्ट प्रकाशित किया गया है. कई उम्मीदवारों को समान अंक मिलने के कारण कुल 5138 उम्मीदवार का चयन मुख्य परीक्षा के लिए किया गया है. सचिव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है. आरक्षण का लाभ मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में दिया जायेगा. जहां तक बीसी वन व टू का अंक सामान्य के बराबर आने पर भी चयन नहीं होने की बात है, तो इसमें स्पष्ट है कि बीसी वन व बीसी टू के उम्मीदवार ने अपने फाॅर्म में जिस कोटि का उल्लेख किया है, उसे उसी में रखा गया. सामान्य में 180 पद, एसटी में 89 पद, एससी में 34 पद, बीसी वन में 21 पद अौर बीसी टू में दो पद ही हैं. फलस्वरूप पीटी का रिजल्ट शाॅर्टलिस्टिंग कर जारी किया गया है.
इसलिए कट अॉफ मार्क्स जारी नहीं किया जा रहा है. क्योंकि, प्रत्येक कोटि में नि:शक्त, महिला अौर खिलाड़ी का भी अलग-अलग कट अॉफ मार्क्स निर्धारित किया गया है. असंतुष्ट उम्मीदवारों द्वारा राजस्थान में पटवारी की नियुक्ति के मामले में कोर्ट के निर्देश की प्रति के आधार पर रिजल्ट में गड़बड़ी की बात की जा रही है, वह बेबुनियाद है.
दरअसल राजस्थान में पटवारी की नियुक्ति के लिए सरकार के साथ समझौता के आधार पर उक्त नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी किया गया है. फाइनल आदेश अभी जारी नहीं हुआ है. इस परीक्षा में अनारक्षित कोटा के लिए न्यूनतम पास मार्क्स 40 प्रतिशत है, जबकि एसटी/एससी व महिला के लिए 32 प्रतिशत, बीसी वन के लिए 34 प्रतिशत व बीसी टू के लिए न्यूनतम पास मार्क्स 36.5 प्रतिशत रखा गया. प्रत्येक अभ्यर्थी को दोनों पेपर की परीक्षा देना अनिवार्य था. साथ ही एक पत्र में कम से कम 60 अंक लाना अनिवार्य था. सचिव ने बताया कि इस परीक्षा में कई अभ्यर्थियों ने अोएमआर शीट भी गलत भरा है. अोएमआर शीट में रोल नंबर की जगह परीक्षा की तिथि भर दी है. वहीं कई अभ्यर्थियों ने एक से अधिक गोला को रंग दिया है.
कई अभ्यर्थियों ने गलत गोला भरे जाने पर उसे ब्लेड आदि से खुरच कर साफ किया है, फिर दूसरा गोला भरा है, जिसे नियमानुसार रिजेक्ट कर दिया गया. कुछ अभ्यर्थियों ने रोल नंबर की जगह अपने से आगे वाले का रोल नंबर डाल दिया है. अब अभ्यर्थी ने ऐसा क्यों किया, यह समझ से परे है. नियमानुसार रोल नंबर डबलिंग होने से दो अोएमआर शीट रिजेक्ट कर दिया गया. सचिव ने यह भी बताया कि इस बार की परीक्षा में क्रिकेटर विराट कोहली के नाम से फाॅर्म भरा, तसवीर भी उसकी लगायी. हालांकि जमशेदपुर केंद्र पर उक्त रोल नंबर पर कोई अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचा. सचिव श्री मिश्रा व परीक्षा नियंत्रक श्री अखौरी ने बताया कि पीटी का हल किये गये अोएमआर शीट को आयोग की वेबसाइट पर दो मार्च 2017 तक उपलब्ध करा दिया जायेगा. कोई भी अभ्यर्थी अपना अोएमआर शीट व अंक देख सकता है.

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