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लगातार हो रहे हंगामे के बाद स्पीकर ने लिया फैसला, चार दिन पहले ही बजट सत्र खत्म

रांची : हंगामे के कारण विधानसभा का बजट सत्र निर्धारित तिथि सात फरवरी से चार दिन पहले गुरुवार को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. बजट सत्र में सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झामुमो हर दिन हंगामा करता रहा. गुरुवार को सत्र के 11वें दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला़ नाराज स्पीकर दिनेश […]

रांची : हंगामे के कारण विधानसभा का बजट सत्र निर्धारित तिथि सात फरवरी से चार दिन पहले गुरुवार को ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. बजट सत्र में सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झामुमो हर दिन हंगामा करता रहा. गुरुवार को सत्र के 11वें दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला़ नाराज स्पीकर दिनेश उरांव ने कार्यमंत्रणा की बैठक बुलायी़ दूसरी पाली में विनियोग विधेयक सहित छह विधेयक बिना चर्चा के पारित हुए. विधानसभा ने पिछले चार दिनों के शेष विधायी और वित्तीय कार्य पूरा कर लिये़ इसके बाद स्पीकर ने सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
स्पीकर व्यथित : स्पीकर ने समापन भाषण में कहा : सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चले, यह हम सबों का पहला कर्तव्य है. जनता के प्रति दायित्व निर्वहन का यह पवित्र स्थल है. कभी संवादहीनता के नाम पर तो कभी असंवैधानिक तरीके से मुद्दों को लेकर यह सत्र अव्यवस्थित रहा़ मैं व्यथित हू़ं हम जनता के बीच क्या संदेश दे रहे है़ं हम अपनी खोती रही प्रतिष्ठा को कैसे पुन:स्थापित करेंगे, यह एक यक्ष प्रश्न है़ आशा करता हूं कि आनेवाले दिनों में सदस्य इस ओर ध्यान देंगे़
1044 प्रश्न थे, मौखिक उत्तर एक का भी नहीं
बजट सत्र में 146 अल्पसूचित, 771 तारांकित और 127 अतारांकित के रूप में स्वीकृत किये गये थे़ विधायकों ने 1147 प्रश्नों की सूचना दी थी. प्रश्नों के लिखित उत्तर तो मिल गये, लेकिन एक पर भी मौखिक उत्तर नहीं आया़.

िवधायक अमित, शशिभूषण, पौलुस और इरफान का निलंबन निरस्त

रांची. झामुमो विधायक अमित महतो, शशिभूषण सामड़, पौलुस सुरीन व कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी का विधानसभा व समिति से निलंबन निरस्त कर दिया गया है. विधानसभा में गुरुवार को संसदीय कार्य मंत्री ने इससे संबंधित प्रस्ताव लाया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा : इसे लेकर सदन में लगातार व्यवधान होता रहा. पक्ष-विपक्ष की बैठक बुलायी गयी. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन व कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भी विधायकों के कृत्य को अशोभनीय बताया था. चारों का निलंबन वापस करने का आग्रह किया था. स्पीकर ने कहा : चारों विधायक सदाचार समिति के सामने उपस्थित नहीं हुए. सदन की गरिमा बरकरार रहे, इसका उन्हें ख्याल रखना चाहिए. साथ ही खेद प्रकट करना चाहिए.

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