श्रम विभाग ने कई कानूनों का सरलीकरण किया है. इसका लाभ उद्योगों को मिल रहा है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड का श्रम विभाग लगातार दूसरे साल (2015-16 और 2016-17) नंबर एक पर रहा. बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसी तरह कई प्रावधान का लाभ लोगों को मिल रहा है. इन्हीं मुद्दों पर प्रभात खबर ने विभागीय मंत्री राज पालिवार से बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के अंश.
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संगठित क्षेत्र के मजदूरों को डीबीटी से होगा भुगतान
रांची : राज्य में संगठित क्षेत्र के मजदूरों का भुगतान अब खातों में होगा. डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम का लाभ अब राज्य के उद्योगों को देना होगा. इससे संबंधित राज्य सरकार के अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी है. इससे तहत किये गये प्रावधानों को लागू नहीं करने वालों पर अब कानूनी कार्रवाई […]
रांची : राज्य में संगठित क्षेत्र के मजदूरों का भुगतान अब खातों में होगा. डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम का लाभ अब राज्य के उद्योगों को देना होगा. इससे संबंधित राज्य सरकार के अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी है. इससे तहत किये गये प्रावधानों को लागू नहीं करने वालों पर अब कानूनी कार्रवाई होगी.
श्रम विभाग ने कई कानूनों का सरलीकरण किया है. इसका लाभ उद्योगों को मिल रहा है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में झारखंड का श्रम विभाग लगातार दूसरे साल (2015-16 और 2016-17) नंबर एक पर रहा. बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसी तरह कई प्रावधान का लाभ लोगों को मिल रहा है. इन्हीं मुद्दों पर प्रभात खबर ने विभागीय मंत्री राज पालिवार से बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के अंश.
श्रम विभाग मजदूरों का ऑन लाइन खाता खुलवा रहा था. इसका क्या असर है?
श्रम विभाग ने ऐसा प्रावधान किया है, जिससे संगठित क्षेत्र के मजदूरों को हर हाल में बैंक खाते में भुगतान होगा. इससे संबंधित अध्यादेश राज्य सरकार ने पारित करा लिया है. इसको राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल चुका है. अब श्रम विभाग से निबंधित उद्योग अपने कर्मियों को बैंक के माध्यम से भुगतान करने के लिए बाध्य हो जायेंगे. अगले माह से यह व्यवस्था लागू हो जायेगी.
इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को मिले, इसके लिए क्या उपाय किये गये ?
ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को जोड़ने के लिए विभाग ने कैंप लगाकर निबंधन कराया. इससे करीब 2.35 लाख मजदूर जुड़े. उनका निबंधन करा दिया गया है. विभाग अब हर जिले में कैंप लगा कर दिहाड़ी मजदूरों का भी निबंधन करा रहा है. इससे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोड़ा जायेगा.
राज्य में आइटीअाइ की स्थिति जर्जर थी, अभी क्या स्थिति है ?
संयुक्त बिहार के समय झारखंड वाले हिस्से में 13 आइटीअाइ थे. राज्य बनने के बाद दो साल पहले तक 14 और आइटीअाइ खोले गये. राज्य में रघुवर दास की सरकार बनने के बाद 37 नये आइटीअाइ खोले गये हैं. सभी का संचालन सरकार कर रही है. इसके अतिरिक्त सात और आइटीअाइ कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत खोले जा रहे हैं. इसमें पांच का एमओयू हो गया है. दो का होना वाला है. गुमला और लोहदरगा को छोड़ सभी जिले में आइटीआइ खोल दिये गये हैं. श्रम विभाग प्रयासरत है कि अगले तीन साल में हर प्रखंड में एक आइटीआइ हो.
अाइटीअाइ से पास करने वालों को रोजगार से कैसे देंगे ?
यह महत्वपूर्ण मुद्दा है. आइटीआइ से पास करने वाले युवक-युवतियों को रोजगार देने के लिए कई योजना बनी है. विभागीय सचिव को निर्देश दिया गया है कि इन संस्थानों में कैंपस इंटरव्यू की व्यवस्था करायें. इससे यहां पास करनेवाले युवकों को रोजगार से जोड़ा जायेगा. इसके लिए संस्थान की गुणवत्ता को बनाये रखना होगा.
बिना शिक्षक और फैकल्टी के कैसी सुधरेगी गुणवत्ता ?
श्रम विभाग ने राज्य के सभी आइटीअाइ संस्थानों को मानव संसाधन से समृद्ध करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. कुल 576 शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर बहाली जल्द हो जायेगी. इससे संस्थान को मैन पावर मिल जायेगा और संस्थान की गुणवत्ता सुधर जायेगी.
विभाग रोजगार मेला का आयोजन कर रहा है. क्या इससे युवा जुड़ रहे हैं ?
राज्य में 2009 से रोजगार मेला का आयोजन हो रहा है. राज्य में रघुवर सरकार के आने के बाद से इसे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दतोपत ठेंगड़ी को समर्पित कर दिया गया है. अब यह उनके नाम से आयोजित होता है. इसकी शुरुआत झारखंड में हुई है. दूसरे राज्य भी इसका अनुसरण करने लगे हैं. वहां भी इनके नाम से रोजगार मेले का आयोजन होने लगा है. राज्य में पहला राज्यस्तरीय रोजगार मेला का आयोजन 21 जनवरी को रांची में हुआ था. इसमें सात हजार युवाओं को ऑन स्पॉट नौकरी दी गयी.
क्या इसका फायदा संताल के युवाओं को भी हो रहा है?
श्रम विभाग इसी तरह के राज्य स्तरीय मेले का आयोजन संताल परगना में भी करने जा रहा है. इससे वहां के युवाओं को परेशानी नहीं होगी. घर में रोजगार प्राप्त कर सकेंगे. विभाग प्रयासरत है कि इसे जिला से अनुमंडल स्तर पर ले जाया जाये. आनेवाले तीन साल में इसका आयोजन प्रखंड स्तर पर होगा. इससे पलायन रुकेगा.
क्या-क्या योजनाएं हैं श्रम विभाग में
मेधावी पुत्र-पुत्री छात्रवृत्ति योजना
आम आदमी बीमा योजना
राष्ट्रीय पेंशन योजना
मातृत्व प्रसुविधा योजना
चिकित्सा सहायता योजना
चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना
श्रमिक औजार सहायता योजना
साइकिल सहायता योजना
सिलाई मशीन सहायता योजना
रोजगार प्रशिक्षण योजना
विवाह सहायता योजना
अंत्येष्टि सहायता योजना
पेंशन योजना
नि:शक्तता पेंशन
पारिवारिक पेंशन योजना
अनाथ पेंशन योजना
सरस्वती योजना
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