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सलाह: जब हम ही नहीं होंगे जागरूक, तो कैसे स्वच्छ होगी अपनी रांची सहूलियत के लिए हैं डस्टबिन इसे उखाड़ने-जलाने से बचायें
शहर में जगह-जगह हम सबों की सुविधा के लिए डस्टबिन लगाये गये हैं़ इसके लगाने के पीछे मूल उद्देश्य है कि कूड़ा-कचरा एक ही जगह पर जमा हो़ गंदगी न फैले़ लेकिन इधर, कुछ शरारती तत्व डस्टबिनों को उखाड़ने व जलाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं़ अगर हम सब ही इस तरह की […]
शहर में जगह-जगह हम सबों की सुविधा के लिए डस्टबिन लगाये गये हैं़ इसके लगाने के पीछे मूल उद्देश्य है कि कूड़ा-कचरा एक ही जगह पर जमा हो़ गंदगी न फैले़ लेकिन इधर, कुछ शरारती तत्व डस्टबिनों को उखाड़ने व जलाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं़ अगर हम सब ही इस तरह की गलती करें, तो हमारा शहर कैसे साफ-सुथरा रह सकता है़ अभी सबसे स्वच्छ शहर चुनने के लिए देश के 500 शहरों के बीच स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 प्रतियोगिता चल रही है़ पिछली बार भी हम पिछड़ गये थे़ इस बार फिर मौका मिला है़ यह मौका तभी सार्थक होगा, जब हम सब मिल कर स्वच्छता के इस अभियान में सहभागिता दें.
रांची: शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम हर संभव प्रयास कर रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वे खुले में कचरा न फेंके. कचरे को डस्टबिन में डालें. लेकिन, निगम की इस अपील का असर लोगों पर नहीं हो रहा है.
इधर, सड़कों पर लगाये गये डस्टबिन में लोग कचरा तो नहीं डाल रहे हैं, बल्कि निगम द्वारा जो डस्टबिन लगाये गये हैं, उसे क्षतिग्रस्त किया जा रहा है़ कहीं पर डस्टबिन में ही कचरा डाल कर आग लगा दी जा रही है, तो कहीं पर उसे उखाड़ कर लोग अपने घर ले जा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आखिर कोई इस शहर को साफ रखे तो कैसे. यही स्थिति रही, तो इस बार भी हमारा शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में पिछड़ा ही रह जायेगा़
200 डस्टबिन लगाये गये शहर में
पिछले एक वर्ष में नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख स्थानों पर 200 पोल में कचरा माउंटेड डस्टबिन लगाये गये. इसे लगाने का उद्देश्य था कि फल वाले, ठेला-खोमचा वाले या दुकानदार अपनी दुकान के कचरे को इसमें डाले. इसके उलट एकरा मसजिद चौक स्थित डस्टबिन को शरारती तत्वों ने जला दिया़ वहीं राजेंद्र चौक पर लगाये गये डस्टबिन को स्टैंड से निकाल कर लोग अपने घर ले गये हैं. अरगोड़ा चौक, बिरसा चौक सहित रातू रोड में भी डस्टबिनों को क्षति पहुंचायी गयी है.
ड्रम वाला डस्टबिन शहर से हुआ गायब
वर्ष 2015 में नगर निगम के तत्कालीन सीइओ मनोज कुमार ने एक नये प्रकार के 400 से अधिक डस्टबिन शहर की सड़कों पर लगवाये. ड्रम को काट कर उसे आकर्षक रूप दिया गया था. इस पर बड़े-बड़े अक्षरों में रांची नगर निगम लिख कर उसमें चेन लगाकर बिजली के खंभों से बांध दिया गया था. चेन में ताला भी लगाया गया था. इन डस्टबिनों में आज एक-दाे डस्टबीन ही शहर की सड़कों पर दिखते हैं. लोगों ने इन डस्टबिनों की चेन भी काट डाली, फिर उसे अपने साथ घर ले गये.
आइएमए रांची का चुनाव 26 मार्च को
रांची. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रांची के सत्र 2017-18 की नयी कार्यकारिणी का चुनाव 26 मार्च को होगा. नामांकन की तिथि 24 जनवरी से 15 फरवरी है. नाम वापसी की तिथि दो मार्च है. 31 मार्च को नयी कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा. नामांकन फॉर्म करम टोली स्थित आइएमए भवन में जमा किया जा सकता है.
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