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रिम्स रैगिंग मामले में 14 छात्र चिह्नित
रांची: रिम्स रैगिंग मामले की जांच कर रही टीम ने हॉस्टल में रहनेवाले 14 छात्रों को पूरे मामले के लिए जिम्मेदार पाया है. टीम ने माना है कि जिम्मेदार छात्रों में तीन इंटर्न (बैच 2011), पांच 2014 व पांच 2015 बैच के छात्र हैं. टीम ने प्रबंधन को जानकारी देते हुए यह स्पष्ट किया है […]
रांची: रिम्स रैगिंग मामले की जांच कर रही टीम ने हॉस्टल में रहनेवाले 14 छात्रों को पूरे मामले के लिए जिम्मेदार पाया है. टीम ने माना है कि जिम्मेदार छात्रों में तीन इंटर्न (बैच 2011), पांच 2014 व पांच 2015 बैच के छात्र हैं. टीम ने प्रबंधन को जानकारी देते हुए यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में अगर हॉस्टल में किसी तरह की मारपीट या रैगिंग का मामला सामने आता है, तो ये ही छात्र जिम्मेदार होंगे. किसी भी मामले में पहले इनसे पूछताछ की जायेगी. दोबारा नाम आने पर बिना किसी स्पष्टीकरण के इन्हें निलंबित कर दिया जायेगा. जांच टीम ने इन सभी 14 छात्रों से इस संबंध में लिखित शपथ भी ली है.
रैगिंग का मामला आया था सामने : रिम्स में सीनियर छात्राें द्वारा जूनियर से रैगिंग करने का मामला सात जनवरी को प्रकाश में आया था. छात्राें ने निदेशक डॉ बीएल शेरवाल से इसकी लिखित शिकायत की थी. छात्रों ने आरोप लगाया था कि सात जनवरी को तड़के साढ़े चार बजे वर्ष 2011 व 2014 बैच के सीनियर छात्रों ने हमें बुलाया और मुर्गा बनाया. इसके बाद प्रबंधन ने जांच के लिए डॉ विवेक कश्यप की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया था. छात्रों से सामूहिक व अलग-अलग पूछताछ की गयी थी. इसके बाद रिपोर्ट तैयार की गयी.
जांच के बाद 14 छात्रों को जिम्मेदार बनाया गया है, जिसमें तीन इंटर्न, पांच-पांच बैच 2014 व 2015 बैच के छात्र हैं. अगर भविष्य में हॉस्टल में किसी प्रकार की मारपीट या रैगिंग का मामला सामने आता है, तो पहले इन पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ विवेक कश्यप, अध्यक्ष, जांच कमेटी
रिम्स में हॉस्टल तीन के छात्रों पर लगेगा जुर्माना
रिम्स के हॉस्टल संख्या तीन के सभी छात्रों पर आर्थिक जुर्माना लगाया जायेगा. रिम्स प्रबंधन छात्रों से फायर सिलिंडर का पैसा वसूलेगा. प्रबंधन ने माना है कि प्रथमदृष्टया छात्रों पर अनुशासन उल्लंघन का मामला स्पष्ट होता है, इसलिए नियमसंगत कार्रवाई की जायेगी. पहले छात्रों से पूछताछ की जायेगी और यह पता किया जायेगा कि पूरे मामले में कौन-कौन छात्र संलिप्त हैं. गौरतलब है कि 2016 बैच के छात्रों ने गुरुवार को शराब पी और हॉस्टल में हो-हल्ला, हंगामा किया था. रात में अलाव ताप रहे हाॅस्टल के सुरक्षाकर्मियों से भी बकझक की. अलाव को फायर सिलिंडर से बुझा दिया. इसके अलावा फायर सिलिंडर को क्षतिग्रस्त भी कर दिया. इधर, इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी शनिवार को हॉस्टल संख्या तीन में गयी और छात्रों से पूछताछ की. टीम की ओर से शाम को प्रभारी निदेशक को जानकारी दी गयी. निदेशक ने कहा कि भले ही एक-दो दिन का समय लगे, लेकिन अनुशासन तोड़नेवाले छात्रों को हर हाल में चिह्नित किया जाये.
हॉस्टल में छात्रों द्वारा अनुशासन तोड़ने की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है. फायर सिलिंडर का पैसा हॉस्टल छात्रों से वसूला जायेगा. टीम को छात्रों का नाम चिह्नित करने के लिए कहा गया है.
डॉ आरके श्रीवास्तव, प्रभारी निदेशक, रिम्स
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