उस दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों की संख्या कम कर दी गयी. बिहार से सटे 10 जिलों में से केवल तीन गिरडीह, दुमका और हजारीबाग में ही नियमित रूप से उत्पाद निरीक्षकों को पदस्थापित किया गया. पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा व देवघर समेत पांच जिले प्रभारी उत्पाद निरीक्षकों के हवाले हैं. कई जिले ऐसे हैं, जहां पूर्व में पदस्थापित नियमित उत्पाद अधीक्षक को हटा कर जिला प्रभारी के भरोसे छोड़ दिया गया है. वहीं, साहेबगंज और चतरा में उत्पाद निरीक्षक का पद रिक्त कर दिया गया है. पलामू और कोडरमा में दारोगा और जमादारों की संख्या में भी कमी कर दी गयी है.
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बिहार से सटे जिलों में कम कर दी गयी उत्पाद अधिकारियों की संख्या
रांची: झारखंड के बिहार से सटे सभी जिलों में उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की संख्या कम कर दी गयी है. बिहार की सीमा से लगनेवाले सभी 10 जिलों में उत्पाद निरीक्षक, दारोगा, जमादार और सिपाहियों को वहां से हटा कर अन्यत्र पदस्थापित कर दिया गया है. दिसंबर 2016 में बड़े पैमाने पर उत्पाद […]
रांची: झारखंड के बिहार से सटे सभी जिलों में उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की संख्या कम कर दी गयी है. बिहार की सीमा से लगनेवाले सभी 10 जिलों में उत्पाद निरीक्षक, दारोगा, जमादार और सिपाहियों को वहां से हटा कर अन्यत्र पदस्थापित कर दिया गया है. दिसंबर 2016 में बड़े पैमाने पर उत्पाद अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया.
कोडरमा में जमादार कम कर लिपिक बढ़ा दिया गया
काेडरमा के डोमचांच स्थित ढोढ़ाकोला में पिछले साल अगस्त महीने में नकली शराब की बड़ी फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ था. अवैध व नकली शराब के धंधे पर नजर रखने के लिए निरीक्षक, दारोगा, जमादार से लेकर सिपाही विभाग की शक्ति के रूप में कार्य करते हैं. पर विभाग ने तबादला कर इन सबकी संख्या में कमी करते हुए कार्यालय लिपिक की संख्या बढ़ा दी. पूर्व में पदस्थापित उत्पाद अधीक्षक की जगह प्रभारी अधीक्षक बना दिया गया. दो दारोगा में कमी कर एक को ही पदस्थापित किया. वह भी प्रशिक्षु. इसी तरह उत्पाद सिपाहियों की संख्या भी तीन से घटा कर दो कर दी गयी.
चार में से तीन उत्पाद अधीक्षक हटाये गये
राजस्व की दृष्टि से बड़ा और बिहार से सटा इलाका होने के बावजूद हजारीबाग जिले से उत्पाद अधिकारियों की संख्या घटा दी गयी. हजारीबाग में पूर्व से पदस्थापित चार उत्पाद अधीक्षकों में से तीन को हटा दिया गया. अब वहां केवल एक उत्पाद अधीक्षक का पदस्थापन किया गया है. हजारीबाग में उत्पाद सिपाहियों की संख्या भी कम कर दी गयी है. पूर्व में पदस्थापित आठ सिपाहियों की संख्या कम करते हुए उसे पांच कर दिया गया है.
केवल एक प्रभारी के भरोसे छोड़ा गया चतरा
बिहार की सीमा से छूने के बावजूद समूचे चतरा जिले की जिम्मेवारी केवल एक उत्पाद अधिकारी को दी गयी है. वह भी प्रभार में. चतरा में केवल एक प्रभारी उत्पाद निरीक्षक का पदस्थापन किया गया है. वहां दारोगा, जमादार और सिपाहियों के सभी पद रिक्त छोड़ दिये गये हैं. इसी तरह पलामू में भी उत्पाद अधिकारियों की संख्या में कमी की गयी. पलामू में नियमित उत्पाद अधीक्षक को हटा कर प्रभारी बना दिया गया. पांच दारोगा का पदस्थापन कम कर तीन कर दिया गया. पलामू में इंस्पेक्टर एक था. अब उसे हटा कर प्रभारी बनाया गया है. पांच एसआइ को कम कर तीन एसआइ कर दिया गया.
कम कर दिये गये सिपाही
राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों में उत्पाद सिपाहियों की संख्या भी घटा दी गयी है. गढ़वा में पांच सिपाही का तबादला कर दो को ही पदस्थापित किया गया है. गिरिडीह और दुमका में चार सिपाहियों को हटा कर उनकी जगह केवल एक सिपाही दिया गया है. देवघर में पूर्व से पदस्थापित नौ सिपाहियों में से चार और साहेबगंज में तीन सिपाहियों में से दो को हटा दिया गया है.
उठ रहे हैं सवाल
उत्पाद विभाग द्वारा बिहार की सीमा से सटे जिलों में अधिकारियों व कर्मचारियों की संख्या में कमी करने से सवाल उठ रहे हैं. बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद झारखंड के रास्ते शराब तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. उत्पाद विभाग भी लगातार राज्यभर में छापेमारी का दावा कर रहा है. ऐसे में सीमावर्ती जिलों के कार्यबल में कमी लाना सवाल खड़ा कर रहा है.
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