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झारखंड के 51 राइस मिलों ने पचा लिये सरकार के 60 करोड़ रुपये, चार साल बाद वसूली नहीं
रांची : झारखंड के 51 राइस मिलों पर सरकार के करीब 60 करोड़ रुपये बकाया है. खरीफ मौसम 2012-13 में सरकार से धान लेकर इन मिलों ने बदले में चावल या पैसा नहीं दिया, पर राज्य सरकार चुप है. अकेले हजारीबाग के पांच राइस मिल प्रबंधन पर 42 करोड़ रुपये की देनदारी है. वहीं, एक […]
रांची : झारखंड के 51 राइस मिलों पर सरकार के करीब 60 करोड़ रुपये बकाया है. खरीफ मौसम 2012-13 में सरकार से धान लेकर इन मिलों ने बदले में चावल या पैसा नहीं दिया, पर राज्य सरकार चुप है. अकेले हजारीबाग के पांच राइस मिल प्रबंधन पर 42 करोड़ रुपये की देनदारी है.
वहीं, एक करोड़ से अधिक के बकायेदार कुल 12 राइस मिल मालिक हैं. ये सभी सरकार के पैसे पचा कर मजा मार रहे हैं. बदले में इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. न्यायालय ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पहले ही कहा था कि वह बकाया वसूली के लिए किसी तरह की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. धान खरीद की यह रकम खाद्य आपूर्ति विभाग से संबद्ध झारखंड राज्य खाद्य निगम की है. इस रिवॉल्विंग फंड का इस्तेमाल हर वर्ष किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद में होता था.
उधर, बिहार में ठीक इसी तरह के मामले में तीन राइस मिल मालिकों पर बिहार सरकार ने गबन का मामला दर्ज किया था. पुलिस ने 2015 में ही नालंदा के मिल मालिकों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित कर दिया है. अब इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (इडी) ने बिहार विजिलेंस से संबद्ध इकोनॉमिक अॉफेंस यूनिट (अार्थिक अपराध अनुसंधान इकाई) के प्रस्ताव पर इनके खिलाफ इंफोर्समेंट केस इंफोरमेशन रिपोर्ट (इसीआइअार) दर्ज कर ली है. जरूरत पड़ी, तो संबंधित मिल मालिकों की संपत्ति जब्त कर ली जायेगी.
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