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झारखंड शिक्षा परियोजना: राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक स्कूल बनाया जायेगा मॉडल
रांची: राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक-एक सरकारी विद्यालय को वर्ष 2017-18 में आदर्श (मॉडल) विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. झारखंड शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी मुकेश कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है. परियोजना निदेशक ने कहा है कि सरकार ने प्रत्येक प्रखंड में […]
रांची: राज्य के प्रत्येक प्रखंड में एक-एक सरकारी विद्यालय को वर्ष 2017-18 में आदर्श (मॉडल) विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. झारखंड शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी मुकेश कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखा है. परियोजना निदेशक ने कहा है कि सरकार ने प्रत्येक प्रखंड में एक-एक सरकारी विद्यालय को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए विद्यालय का चयन किया जाना है.
विद्यालय के चयन के लिए सरकार की ओर मापदंड निर्धारित कर दिया गया है. इसमें शर्त यह है कि विद्यालय प्रखंड मुख्यालय या उसके आसपास अवस्थित हो, विद्यालय में पठन-पाठन के लिए पूर्व से पर्याप्त वर्ग कक्ष उपलब्ध हो, विद्यालय के भवन की स्थिति ठीक हो, विद्यालय चयन के लिए आवश्यक है कि कम-से-कम 400 बच्चे नामांकित हो, बच्चों की उपस्थिति ठीक हो, विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक हो, खेल का मैदान हो, विद्यालय में गेट सहित चहारदीवारी उपलब्ध हो, विद्यालय तक पहुंच पथ हो, शौचालय, पेयजल व विद्युत की व्यवस्था हो. इसके अलावा विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित के लिए भविष्य में आधारभूत संरचना निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि का उपलब्ध होना आवश्यक है़ जो विद्यालय इन सभी शर्त को पूरा करेंगे, उसे ही चयनित करने को कहा गया है.
16 तक मांगा स्कूलों का नाम
झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को जल्द-से-जल्द निर्धारित मापदंड के अनुरूप विद्यालय चयन की प्रक्रिया पूरा करने को कहा है. विद्यालय चयन के बाद 16 जनवरी तक चयनित स्कूलों के नाम झारखंड शिक्षा परियोजना को भेजने को कहा गया गया है. जिलाें को इसके लिए प्रपत्र भी उपलब्ध कराया गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय द्वारा जानकारी जिला में परियोजना के सहायक अभियंता दी जायेगी. अभियंता इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजेंगे.
अधिकारियों को दिया गया था विद्यालय गोद लेने का आदेश
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इससे पूर्व भी सभी जिलों में एक विद्यालय को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने की बात कही गयी थी. सभी क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक, जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक से लेकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को एक-एक विद्यालय गोद लेने का निर्देश दिया गया था. विभागीय निर्देश के अनुरूप अधिकारियों ने विद्यालय को गोद भी लिया, पर अधिकतर पदाधिकारियों ने विभागीय निर्देश के अनुरूप विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित नहीं किया. कुछ पदाधिकारियों ने तो केवल स्कूल का चयन कर छोड़ दिया.
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