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योजनाओं काे समय पर पूरा करना जरूरी : रघुवर दास

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है. उपजाऊ भूमि, रमणीय स्थल और मेहनतकश मानव बल होने के बाद भी यहां गरीबी है. गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करनेवालों की संख्या काफी ज्यादा है. सरकार का लक्ष्य है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीनेवालों के जीवन स्तर में […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है. उपजाऊ भूमि, रमणीय स्थल और मेहनतकश मानव बल होने के बाद भी यहां गरीबी है. गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करनेवालों की संख्या काफी ज्यादा है. सरकार का लक्ष्य है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीनेवालों के जीवन स्तर में सुधार आये. इसके लिए उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार जरूरी है.

राज्य विकास परिषद का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है कि राज्य के विकास के लिए 15 साल का विजन तैयार हो. सात या पांच साल की स्ट्रेटजी और तीन साल का एक्शन प्लान तैयार हो. यानी लघु व दीर्घकालीन विकास योजनाएं न केवल बने बल्कि उनका क्रियान्वयन भी हो. सरकार एक दिन के एक्शन प्लान पर काम करेगी. यानी प्रति दिन कितनी किमी सड़कें बनेंगी, कितने गांव-घर में बिजली पहुंचेगी. तभी योजनाओं का सही तरीके से और समयबद्ध क्रियान्वयन किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह बातें मंगलवार को राज्य विकास परिषद की पहली बैठक में अध्यक्षता करते हुए कही.

उन्होंने कहा कि हम कई चीजों में राष्ट्रीय मानक में पिछड़े हुए हैं, इसे मानने में कोई बुराई नहीं है. समस्या मानने से ही उसके निराकरण की दिशा में काम किया जा सकता है.
उपसमिति तीन साल का रोड मैप तैयार करेगी
श्री दास ने कहा कि राज्य विकास परिषद में से एक उपसमिति बनायी जायेगी, जो तीन साल का रोड मैप तैयार करेगी. इसमें लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही उनके क्रियान्वयन के भी सुझाव दिये जायेंगे. विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर योजनाओं को धरातल पर उतारा जायेगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड में जायें. अॉनस्पॉट वेरिफिकेशन करें. अब खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा.
कृषि सरकार की पहली प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि कृषि हमारे लिए पहली प्राथमिकता है. कृषि से हमारा तात्पर्य केवल फसल नहीं है. पशुपालन, मछली पालन, बागवानी आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की लाइफ लाइन हैं. लोगों को इनसे जोड़ कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सकता है. इसी कड़ी में सखी मंडली को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद कर मुर्गी पालन से जोड़ा जा रहा है. मुर्गी पालन से उत्पादित अंडों की बिक्री नजदीकी स्कूलों में होगी. इसी तरह झारखंड में श्वेत क्रांति लाने के उद्देश्य से 50 गाय तक सब्सिडी दी जा रही है. इससे गांव के लोगों की आय भी बढ़ेगी और राज्य दूध के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा. राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीनेवाले परिवारों की सूची तैयार करायी जा रही है. वास्तविक आंकड़ें होने से उनके विकास के लिए सही तरीके से योजनाएं लागू की जा सकेंगी.
300 तालाबों का होगा जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जोर सिंचाई व्यवस्था बढ़ाने को लेकर भी है. राज्य के तीन से पांच एकड़ क्षेत्रफल वाले 300 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जायेगा. कुटीर, लघु उद्योग, लाह, तसर आदि के लिए अलग-अलग बोर्ड का गठन करने जा रहे हैं. इनमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे. इससे ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा. इस साल अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के लिए अलग से बजट पेश किया जायेगा. आर्थिक विषमता के कारण कुछ गिरोह राज्य के ग्रामीणों को गुमराह करने में लगे थे. आर्थिक विषमता समाप्त करने की दिशा में हमारी सारी योजनाएं हैं. बैठक में परिषद के उपाध्यक्ष सह अर्थशास्त्री सुरजीत सिंह भल्ला, अशोक भगत समेत 14 सांसद-विधायक, नगर परिषद के अध्यक्षों ने सुझाव दिये. कार्यक्रम में मंत्री, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार आदि मौजूद थे.

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