वहीं, शादी के बाद महिलाओं का सर नेम बदलने के लिए शपथपत्र देना पड़ता था, जो अब नहीं लगेगा. पासपोर्ट में पति या पत्नी का नाम बदलने के लिए तलाक का प्रमाणपत्र व दोबारा शादी का प्रमाणपत्र लिया जाता था, जो अब नहीं मांगा जायेगा.
महज फार्म में या सादे कागज में लिख कर देने से नाम बदल जायेगा. अकेली महिला, जो अपने बच्चे का पासपोर्ट बनाने के लिए पिता का नाम नहीं देना चाहती है या बताना चाहती है, उनका भी अब पासपोर्ट बनेगा. महिला को अपना पहचानपत्र देना होगा, जिसमें उनके पिता का नाम अंकित होगा. वहीं, अगर कोई सेवानिवृत्त कर्मी पासपोर्ट बनाना चाहते हैं, तो उनका पेंशन कार्ड भी स्वीकार किया जा रहा है. पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि सभी नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.