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रघुवर सरकार ने बनायी नीतियां स्थानीय नीति का विवाद भी सुलझाया
रघुवर दास की सरकार के दो वर्ष पूरे हुए़ सरकार ने नीतियां बनाने के मोरचे पर काम किया़ राज्य गठन के बाद से जिन मुद्दों को लेकर उलझन बनी थी, विवादों में घिरी रही, उस पर भी काम किया़ विभागों में नीतियां बनी, तो कई अहम फैसले भी लिये़ उद्योग, कृषि, लघु खनिज, शिक्षा, प्रशासनिक […]
रघुवर दास की सरकार के दो वर्ष पूरे हुए़ सरकार ने नीतियां बनाने के मोरचे पर काम किया़ राज्य गठन के बाद से जिन मुद्दों को लेकर उलझन बनी थी, विवादों में घिरी रही, उस पर भी काम किया़ विभागों में नीतियां बनी, तो कई अहम फैसले भी लिये़ उद्योग, कृषि, लघु खनिज, शिक्षा, प्रशासनिक सहित कई विभागों में नयी नीति बनाने का काम हुआ़ इस वर्ष सात अप्रैल को रघुवर सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया़ स्थानीय नीति की घोषणा की़ पिछले 16 वर्षों में स्थानीय नीति पर सिर्फ बातें ही होती रही़ं मौजूदा सरकार के दो साल के सफर को प्रस्तुत करती विस्तृत रिपोर्ट.
रांची: इस वर्ष सात अप्रैल को रघुवर सरकार ने स्थानीय नीति की घोषणा की़ इसे लेकर विपक्षी दल कटघरे में खड़ा कर रहे हैं सदन से लेकर सड़क तक विरोध किया़ विपक्षी दलों की अपनी दलील है़ उधर, सरकार ने स्थानीय नीति को लागू करते हुए उस आधार पर नियुक्तियां भी शुरू कर दी है़ं राज्य में स्थानीयता के प्रमाण पत्र बन रहे है़ं सरकार अपने फैसले पर अडिग है़ इधर सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन किया़ यह मुद्दा अब झारखंड के राजनीति के केंद्र में है़ रांची से लेकर दिल्ली तक शोर मचा है़ विपक्ष ने इस मुद्दे पर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया है़ विपक्ष सीएनटी-एसपीटी एक्ट की तकनीकी पहलुओं को गिनाने में लगा है़ अब तक के संकेत और कामकाज से साफ है कि सरकार इस नीति को लेकर भी समझौता के मूड में नहीं है़ सरकार का कहना है कि यह आदिवासियों के हित में है़ आदिवासियों की जमीन कोई नहीं छीन रहा, उनका मालिकाना हक बना रहेगा़ इस नीति के बदलाव से आदिवासियों का नुकसान नहीं है़ राज्य में विकास के हालात बदलेंगे़ आदिवासियों का आर्थिक उत्थान होगा.
दो वर्ष के कार्यकाल में सरकार की उपलब्धियां
सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगे
धरती आबा एक्सप्रेस की शुरुआत, भगवान बिरसा मुंडा को समर्पित रांची-एर्नाकुलम एक्सप्रेस
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत बीपीएल परिवार के बुजुर्गों को करायी जा रही तीर्थ यात्रा
सरकार ने तय की स्थानीय नीति
पंचायत सचिवालय का गठन किया गया
सीएनटी-एसपीटी एक्ट का किया जा रहा सरलीकरण
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का गठन, पढ़ाई शुरू
जेपीएससी और एसएससी की परीक्षाओं में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया गया
योजना बनाओ अभियान के तहत पंचायत स्तर पर आम लोगों से राय लेकर राज्य का बजट बनाया गया
बजट पूर्व सभी प्रमंडलों में संगोष्ठी कर आम लोगों से राय ली गयी. बेहतर सुझाव देने वालों को सरकार ने सम्मानित किया
कमल क्लब का गठन, राज्य में हरियाली अभियान के तहत तीन करोड़ पौधे लगाये गये
राज्य में पहली बार महिलाओं और कृषि के लिए अलग से बजट पेश किया गया
पुलिस बहाली में महिलाओं को 33% आरक्षण मिला
असाध्य बीमारी की सूची में 85 बीमारियों को शामिल किया गया, पहले सिर्फ 17 बीमारी में ही लोगों को सहायता मिलती थी
दो साल में 130 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजे गये
जनसंवाद केंद्र के जरिये राज्य की जनता की सीधी सुनवाई हुई, टोल फ्री नंबर 181 के जरिये मुख्यमंत्री तक सीधे पहुंच रही है लोगों की शिकायत और परेशानी, उनपर काम भी हो रहा है
लाभुकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे भुगतान किया जा रहा है
पूरे राज्य में ऑनलाइन एफआइआर दर्ज की प्रक्रिया शुरू की गयी. पूरे राज्य में रात में हाइवे पेट्रोलिंग की शुरुआत
सभी नगरों में रैपिड सिटी पेट्रोलिंग प्रारंभ की गयी
अब तक 40 हजार नियुक्तियां की गयी, 16394 प्राथमिक शक्षिकों की नियुक्ति की गयी, हाइस्कूल में 1719 शिक्षक बहाल किये गये, 18000 शिक्षकों नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है, 322 चिकत्सिा पदाधिकारी व 162 विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति की गयी है. 369 गैर शैक्षणिक पदों और 100 शैक्षणिक पद के लिए नियुक्ति अंतिम चरण में है और 1616 डॉक्टरों को नियुक्त पत्र दिया गया.
दो विशिष्ट इंडिया रिजर्व आदिम बटालियन के लिए 2214 पदों पर बहाली शुरू
नीतियां बनी, तुरंत लागू कराया, सक्रिय हुई मशीनरी
सरकार ने नीतियां बनायी और उसे तुरंत लागू कराने की पहल भी की़ सरकार की नीतियों के साथ सरकारी मशीनरी भी सक्रिय हुई़ जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक उसे लागू कराने के लिए प्रयास किया गया़ स्थानीय नीति की घोषणा के साथ-साथ सरकार ने 27 तरह के पद को जिला स्तरीय घोषित किया़ राज्य में जिला स्तर पर नियुक्तियों के लिए 1़ 50 लाख पद स्वीकृत किये गये है़ं जिला स्तरीय पद चिह्नित करने के लिए स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा़ स्थानीय नियोजन के लिए सरकार ने पहल की है़ राजनीतिक दलों की लंबे समय से जिला स्तरीय नियोजन की मांग रही थी़.
प्रतियोगिता परीक्षा के पाठ्यक्रम में हुआ बदलाव
सरकार ने जेपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग के पाठयक्रम में बदलाव किया़ इस संस्थाओं द्वारा अलग-अलग पदों के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं का पाठ्यक्रम बदला़ झारखंड से जुड़े प्रश्नों को शामिल किया गया़ मुख्य परीक्षा में भी भाषा एवं साहित्य के अंतर्गत संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया, कुडुख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी एवं पंचपरगनिया भी शामिल किया गया़ झारखंडी भाषा, साहित्य, कला-संस्कृति को प्रमुखता दी गयी़
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