Advertisement
20 लाख के अवैध खनिज की ढुलाई पर 17 लाख हुआ खर्च
रांची : रामगढ़ लघु सिंचाई प्रमंडल में 20.16 लाख रुपये के अवैध खनिजों की ढुलाई के लिए ठेकेदार को 17.46 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इन अवैध खनिजों (चिप्स, बोल्डर, बालू) का इस्तेमाल किचनदाहा और जामुनदाहा नाला पर लिफ्ट इरिगेशन के लिए चेक डैम सिरीज बनाने में किया जा रहा है. प्रधान महालेखाकार […]
रांची : रामगढ़ लघु सिंचाई प्रमंडल में 20.16 लाख रुपये के अवैध खनिजों की ढुलाई के लिए ठेकेदार को 17.46 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इन अवैध खनिजों (चिप्स, बोल्डर, बालू) का इस्तेमाल किचनदाहा और जामुनदाहा नाला पर लिफ्ट इरिगेशन के लिए चेक डैम सिरीज बनाने में किया जा रहा है. प्रधान महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान पकड़ में आये इन तथ्यों की जानकारी सरकार को भेजी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नालों पर चेक डैम सिरीज के लिए निकाले गये टेंडर में छह लोगों ने हिस्सा लिया था. इनमें से तीन को अयोग्य घोषित कर दिया गया.हालांकि ऑडिट टीम को इससे संबंधित कागजात नहीं दिये गये. टेंडर अंतिम रूप से निबटारा करने के बाद मेसर्स मनीष पवार कंस्ट्रक्शन को 3.17 करोड़ की लागत पर काम दिया गया. मार्च 2016 में किये गये एकरारनामे के तहत मार्च 2017 तक इस काम को पूरा करना है.
ठेकेदार द्वारा किये कार्यों के ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि ठेकेदार ने अब तक निर्माण के काम में 13.42 लाख रुपये का चिप्स, 2.5 लाख रुपये का बालू और 4.23 लाख रुपये का बोल्डर इस्तेमाल किया है. निर्माण कार्यों में इस्तेमाल किये गये इन लघु खनिजों के वैध होने से संबंधित कोई दस्तावेज ठेकेदार ने कार्यालय में जमा नहीं किया है. खनिज कहां से लाये गये इसका कोई ब्योरा नहीं है. इंजीनियर द्वारा ठेकेदार को इन अवैध खनिजों की ढुलाई के लिए 17.46 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. बालू और बोल्डर की ढुलाई के लिए सामग्रियों के मूल्य से ज्यादा का भुगतान किया गया है. काम की प्रगति भी काफी धीमी है.
दिसंबर के पहले सप्ताह तक निर्धारित काम की 30 इकाइयों में से 13 का काम शुरू भी नहीं हुआ है. ठेकेदार को अब तक 1.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमानुसार इस काम को लाभुक समिति द्वारा लिखित तौर पर इसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेवारी लेने के बाद ही शुरू करना था. पर दस्तावेज में लाभुक समिति के गठन का ही उल्लेख नहीं है.
योजना के लिए निकाले गये टेंडर में भी नियमों का उल्लंघन किया गया है. नियमानुसार बिल ऑफ क्वांटिटी(बीक्यू) बेचने के लिए 10 दिनों का समय देना है. बीक्यू की बिक्री के बाद टेंडर पेपर स्वीकार करने के लिए 21 दिनों का समय देना है, लेकिन इस मामले में नियम का उल्लंघन किया गया. बीक्यू बिक्री की अंतिम तिथि 19 फरवरी 2016 निर्धारित की गयी थी. साथ ही टेंडर पेपर स्वीकार करने की अंतिम तिथि भी 19 फरवरी ही निर्धारित की गयी थी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement