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पुलिस को मिले अहम सुराग एक युवक संदेह के घेरे में

बूटी बस्ती में पांच दिनों पहले दुष्कर्म का विरोध करने पर बीटेक की छात्रा की हत्या कर उसका शव जला दिया गया था. इस मामले की जांच कर रही पुलिस को काफी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को कुछ अहम सुराग मिल गये हैं. इस हत्याकांड में पुलिस को एक युवक की संलिप्तता की जानकारी मिली […]

बूटी बस्ती में पांच दिनों पहले दुष्कर्म का विरोध करने पर बीटेक की छात्रा की हत्या कर उसका शव जला दिया गया था. इस मामले की जांच कर रही पुलिस को काफी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को कुछ अहम सुराग मिल गये हैं. इस हत्याकांड में पुलिस को एक युवक की संलिप्तता की जानकारी मिली है, जिसके नाम और पते का सत्यापन किया जा रहा है. साथ ही वे साक्ष्य भी जुटाये जा रहे हैं, जिससे हत्याकांड में उस युवक की संलिप्तता की पुष्टि हो सके. उसके बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी.
रांची: सूत्रों के अनुसार पुलिस को बीटेक की छात्रा की हत्या से जुड़े कुछ कारणों का पता चला है. ऐसे में पुलिस काे संदेह उस पर है, जो छात्रा को लंबे समय से पहचानता है. इसी आधार पर पुलिस ने चार लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. हालांकि, प्रारंभिक पूछताछ में चारों ने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है. पूछताछ में ही हिरासत में लिये गये एक युवक के मोबाइल फोन पर छात्रा की तसवीर भी मिली है. जब युवक से इस संबंध में पूछताछ की गयी, तो उसने बताया कि घटना के बाद उसके एक दोस्त ने यह तसवीर उसे ह्वाट्सएप के जरिये भेजी था. उसने छात्रा के बारे पहले से किसी प्रकार की जानकारी होने से इनकार किया है. पुलिस इस मामले में उस युवक की संलिप्तता की भी गहराई से जांच कर रही है. जरूरत पड़ने पर उस युवक का डीएनए घटनास्थल से मिले साक्ष्यों से मैच कराया जा सकता है.
कॉलेज में सहपाठियों से भी हुई पूछताछ : पुलिस की दूसरी टीम ने मंगलवार को ही छात्रा के कॉलेज में उसके सहपाठियों से भी पूछताछ की. इनमें छात्रा को करीब से जाननेवाले कुछ विद्यार्थी भी शामिल थे. हालांकि, कुछ विद्यार्थी मंगलवार को कॉलेज नहीं आये थे, इसलिए उनसे पूछताछ नहीं हो सकी.
रांची से बाहर भी छानबीन में जुटी पुलिस : पुलिस की एक टीम तकनीकी सूचना के आधार रांची जिले के बाहर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर साक्ष्य जुटा रही है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनुसंधान सही दिशा में है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया जायेगा, लेकिन इससे पहले आरोपियों की संलिप्तता के साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं. पुलिस को मंगलवार तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. इसलिए किसी पुलिस अधिकारी ने छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की है.

छात्रा के परिजन से पुलिस ने फिर की पूछताछ
रांची: बीटेक छात्रा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस की एक टीम मंगलवार को भी सिल्ली के पोगड़ा गांव स्थित छात्रा के घर पहुंची. यहां टीम ने छात्रा के परिजन से कुछ अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की.

पुलिस की दूसरी टीम ने बरकाकाना में रहनेवाले कुछ लोगों से पूछताछ की, जो उसे पहले से जानते थे. इसके अलावा छात्रा की बड़ी बहन से भी पूछताछ की गयी, जो उसके साथ रांची में रहती थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी से पूछताछ में पुलिस को कुछ जानकारियां मिली हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है. छात्रा की बहन ने पूछताछ में बताया कि उसे घटना में किसी की संलिप्तता पर संदेह नहीं है.
खुफिया विभाग की टीम ने की जांच : खुफिया विभाग की एक टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया और वहां की फोटोग्राफी की. फिलहाल, घटनास्थल पर अस्थायी टोओपी बनाया गया है. वहां तैनात पुलिसकर्मियों से भी खुफिया विभाग के अधिकारी ने पूछताछ की. साथ ही स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की गयी. जांच के बाद खुफिया विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें भी मामले में अलग से जांच कर रिपोर्ट तैयार करनी है.
पीड़ित परिवार को तीन लाख : सीएम
रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बूटी घटना में मृतक बच्ची के परिजनों को तीन लाख रुपये के आर्थिक मदद की घोषणा की है. मंगलवार को श्री दास ने सांसद राम टहल चौधरी, कांके विधायक जीतू चरण राम और खिजरी विधायक राम कुमार पाहन को अपने आवास पर बुला कर इस संबंध में चर्चा की थी.
पीड़िता के परिजन से मिले विधायक
रांची. बूटी बस्ती में छात्रा की हत्या पर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए मंगलवार को विधायक राम कुमार पाहन सिल्ली के पोगड़ा गांव पहुंचे. उनके साथ 20 सूत्री जिला अध्यक्ष जैलेंद्र कुमार, अमित चरण भी मौजूद थे. श्री पाहन ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए मामले में निष्पक्ष जांच करवाने में सहयोग करने का आश्वासन दिया.
छात्रा की हत्या के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन
रांची. बूटी बस्ती में दुष्कर्म का विरोध करने पर बीटेक छात्रा की हत्या के विरोध में मंगलवार को जुमाव मंच, फेम झारखंड अौर मिसी के सदस्यों ने अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन किया. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.

महिलाअों ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं, जिसमें हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करो, दोषियों को जनता के हवाले करो, नो मोर वाइलेंस जैसे नारे लिखे थे. जुमाव मंच की शची कुमारी ने कहा कि हम सभी इस घटना की निंदा करते हैं. हम यह भी चाहते हैं कि दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो अौर उन्हें कड़ी सजा मिले. महिलाअों ने कहा कि निर्भया कांड के बाद जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश जारी किया था, उसका पालन नहीं हो रहा है. इसमें इस तरह के मामले में स्पीडी ट्रायल करने, सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित अन्य बिंदु शामिल थे.
दोषियों को पकड़ कर कड़ी सजा दे समाज
रांची़ दुष्कर्म जैसी घटना दिनानुदिन बढ़ती जा रही है़ यह कम होने का नाम नहीं ले रही है़ इसका एक कारण यह है कि हमारे देश के कानून पर किसी को विश्वास नहीं है. अगर ऐसी ही स्थिति रही, तो दुष्कर्म व छेड़खानी जैसी घटना बढ़ती ही रहेगी़ इसलिए दोषियों को पकड़ कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा समाज दे. यह कहना है कॉलेज हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करनेवाली छात्राओं का. छात्राएं बूटी बस्ती में हुई दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से काफी आक्रोश में हैं, साथ ही डरी-सहमी भी है़ं
एक पाठक का पत्र
ये कैसा न्याय!
आ ये दिन ऐसा देखा गया है कि शहर में किसी के साथ दुष्कर्म/हत्या के बाद कुछ लोग सड़कें जाम कर प्रदर्शन करने लगते हैं. समाज का कोई भी बुद्धिजीवी वर्ग इस तरह की दुखद घटनाअों पर दु:ख व्यक्त करता है तथा प्रशासन से दोषी व्यक्तियों को शीघ्र पकड़ कर दंडित करने की वकालत करता है, लेकिन इन घटनाअों के उपरांत रोड जाम करना कहां तक न्यायोचित है?
ये होता है रोड जाम से
1. मासूम स्कूली बच्चों को घंटों भूखे-प्यासे रहना पड़ता है. उन्हें बाथरूम की आवश्यकता पड़ सकती है. खास कर लड़कियों के लिए जिन्हें रोड जाम पर जाना संभव नहीं है.
2. कई गंभीर मरीज होते हैं, जिन्हें शीघ्र इलाज के लिए अस्पताल ले जाना जरूरी होता है. वैसे मरीज की सड़क जाम में मौत हो सकती है.
3. कई लोगों को आवश्यक कार्य के लिए ट्रेन/बस/हवाई जहाज पकड़ना होता है. सड़क जाम करने के कारण इनका काफी नुकसान हो सकता है.
4. सड़क जाम करने की वजह से कई बच्चों की परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे उनका भविष्य बरबाद हो सकता है.
तो करना क्या चाहिए?
1. इस तरह की घटना होने पर पुलिस/प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए रोड जाम करने के बजाय किसी खास जगह पर (जो रोड से हट कर हो) आंदोलन करना चाहिए तथा पुलिस/प्रशासन के उच्च अधिकारियों से मिल कर त्वरित न्याय की मांग करनी चाहिए. इसके लिए प्रशासन को हर शहर में कुछ कास-खास जगह निर्धारित करना चाहिए.
2. न्याय व्यवस्था को भी सख्त कानून बनाना चाहिए ताकि कोई सड़क जाम नहीं कर सके.
3. लोकल एमएलए/एमपी को भी ऐसी घटनाअों पर पुलिस/प्रशासन की भरपूर मदद करनी चाहिए.
मुरारी प्रसाद, रांची

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