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आयोजन: मोरहाबादी में खादी एवं सरस महोत्सव शुरू, बोले मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग से ही देश का विकास

रांची: मोरहाबादी मैदान में शनिवार से 22 दिवसीय खादी एवं सरस महोत्सव की शुरुआत हुई. झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस मेले में देश के कई राज्यों से लघु उद्यमी अौर कारीगर अपने उत्पादों के साथ शामिल हुए हैं. मेले का उदघाटन करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया. मौके पर मुख्यमंत्री […]

रांची: मोरहाबादी मैदान में शनिवार से 22 दिवसीय खादी एवं सरस महोत्सव की शुरुआत हुई. झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस मेले में देश के कई राज्यों से लघु उद्यमी अौर कारीगर अपने उत्पादों के साथ शामिल हुए हैं. मेले का उदघाटन करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया. मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ग्राम उद्योग से ही भारत उदय की बात कहते थे. स्वभाषा, स्वधर्म अौर स्वदेशी छोड़ने की वजह से ही हम परावलंबी हुए. झारखंड में प्रचुर संसाधन हैं, पर यहां गरीबी है.

बड़े उद्योग यहां लगे पर गरीबी दूर नहीं हुई. लघु, मध्यम अौर कुटीर उद्योगों के विकास से ही राज्य अौर देश का विकास होगा. झारखंड के रैयतों को अपनी जमीन पर कृषि के अलावा कुटीर उद्योग लगाने का मौका मिलना चाहिए. इसके लिए हम कानून में सरलीकरण कर रहे हैं. जरूरत पड़ी तो हम अौर संशोधन करेंगे. देश का सबसे अच्छा तसर झारखंड में होता है. हम कोशिश कर रहे हैं कि हैंडीक्राफ्ट, तसर अौर लाह के लिए अलग-अलग निदेशालय बने. 2018 में दुबई में होनेवाले अंतरराष्ट्रीय एग्जीविशन में हम झारखंड के उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे.


मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि खादी से स्वदेशी, स्वरोजगार अौर स्वावलंबन का बोध होता है. खादी की मांग विदेशों में भी बढ़ी है. प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन व विचार में खादी अपनाने का संकल्प ले. पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि हमारा देश आजादी के बाद एक नयी शक्ति के रूप में उभर रहा है. खादी के माध्यम से उन नौजवानों को गांवों में ही रोजगार दिया जा सकता है, जो आज भटक रहे हैं. इससे पूर्व झारखंड खादी बोर्ड अध्यक्ष संजय सेठ ने कहा कि खादी के जरिये गांवों में स्वरोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. अभी राज्य में 15 आउटलेट हैं, जहां खादी के उत्पादों की बिक्री की हो रही है. खादी में भारत की आत्मा बसती है. लोग खादी के वस्त्र पहनना शुरू करेंगे, तो गांवों के कारीगरों को रोटी मिल पायेगा. जल्दी ही हम महुआ से जैम बनाने जा रहे हैं.
कैशलेस बिक्री की व्यवस्था : मेले में सभी हैंगर में कैशलेस बिक्री की व्यवस्था की गयी है. स्वाइप मशीन लगायी गयी है. लोग पेटीएम, बड़ी से भी भुगतान कर सकते हैं. लोगों को मेले में कैशलेस भुगतान के प्रति जागरुक किया जा रहा है.
बही भजनों की गंगा : मेले के पहले दिन सुप्रसिद्ध सूफी गायक सिद्धार्थ मोहन ने कई भजन प्रस्तुत किये. उन्होंने इसकी शुरुआत गणेश वंदना से की. इसके बाद रांची की सुपर्णा बरुआ ने वैष्ण जन तो तेने कहिये…भजन प्रस्तुत किया. वहीं गुरुनानक स्कूल के बच्चों ने खादी के वस्त्रों को पहनकर रैंप पर वॉक किया.
महाराष्ट्र, अोड़िशा अौर झारखंड की संयुक्त पहल
खादी के क्षेत्र में महाराष्ट्र, अोड़िशा अौर झारखंड के खादी बोर्ड अध्यक्षों ने कुछ उत्पादों को लेकर साथ काम करने पर सहमति जतायी है. अोड़िशा के खादी बोर्ड अध्यक्ष तेजेश्वर परिदा ने मधु उत्पादन के क्षेत्र में काम करने की इच्छा जतायी. उन्होंने पुरी, भुवनेश्वर, कोणार्क अौर राउरकेला में झारखंड खादी बोर्ड को आउटलेट खोलने का आमंत्रण दिया. महाराष्ट्र खादी बोर्ड के अध्यक्ष विशाल चोढ़ेया ने भी झारखंड अौर अोड़िशा के साथ मिल कर मधु उत्पादन के क्षेत्र में काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इससे भारतीय मधु को विश्व स्तर पर ले जाने में सहायता मिलेगी. खादी के लिए सिर्फ राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर बाजार बनाना होगा.
11 हैंगर में 558 स्टॉल कई राज्यों से आये उद्यमी
खादी अौर सरस मेले में 11 हैंगर में 558 स्टॉल बनाये गये हैं. बोर्ड अध्यक्ष संजय सेठ ने बताया कि अभी भी कई राज्यों के लोग स्टॉल के लिए आग्रह कर रहे हैं. कुछ अौर स्टॉल की व्यवस्था की जा रही है. 11 हैंगर में दस के नाम झारखंड की नदियों के नाम पर है. इन स्टॉलों में खादी के वस्त्र जैसे शर्ट, कुरता, पायजामा, बंडी, चादर व साड़ी उपलब्ध हैं. इसके अलावा साबुन, शैंपू, फेसवाश जैसे उत्पाद भी मिल रहे हैं. अन्य स्टॉलों में पीतल की सजावटी वस्तुएं, टेराकोटा के सामान, विभिन्न राज्यों के विशिष्ट परिधान व अन्य चीजें मिल रही है.

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