रांची: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि नक्सली विकास में बाधक हैं. नक्सलियों के कारण आदिवासियों का विकास नहीं हुआ. नक्सलियों का सबसे अधिक असर आदिवासियों पर पड़ा है. नक्सलियों के खात्मे के लिए जरूरत पड़ने पर हम और फोर्स देने पर भी विचार करेंगे. वह धुर्वा स्थित सीआरपीएफ कैंप में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. कार्यशाला में 10 राज्यों और चार केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स के अधिकारियों ने नक्सलियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की. राज्य मंत्री ने कहा कि कार्यशाला में महत्वपूर्ण सुझाव आये हैं.
सरकार उन पर विचार करेगी. नक्सलवाद का सफाया करना ही सरकार का मकसद है. इस मकसद को हासिल करने के लिए हम फोर्स को आधुनिक बनायेंगे. हमारी फोर्स सीमा पर लड़ने के लिए है. हम अपने देश के भीतर गोली चलाना जरूरी नहीं समझते. सरेंडर पॉलिसी के तहत कई नक्सलियों ने सरेंडर किये हैं.
और नक्सली भी सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल हों. नोटबंदी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से नक्सलियों की कमर टूट गयी है. कैशलेस ट्रांजैक्शन और साइबर अपराध शाखा की खराब हालात के सवाल पर मंत्री ने कहा कि हमारे देश में इंटेलिजेंट लोगों की कमी नहीं है. लोग निश्चिंत रहें साइबर अपराध को रोकने में भी हम सक्षम हैं. संवाददाता सम्मेलन में डीजीपी डीके पांडेय, सीआरपीएफ के आइजी संजय आनंद लाटकर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
नया प्रयोग करेंगे : एडीजी
सीआरपीएफ के एडीजी अभियान सुदीप लखटकिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीन दिनों तक चली कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण सुझाव आये हैं. जिस पर चर्चा की गयी है. हम जल्द ही कुछ नये प्रयोग करेंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशाला में आये सुझावों से नक्सलियों के खिलाफ आगे की लड़ाई में मदद मिलेगी. श्री लखटकिया ने कार्यशाला के समापन पर आने के लिए गृह राज्य मंत्री के प्रति आभार जताया.