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अयोध्या से साधु बन कर लौटे नरकोपी थानेदार

रांची: नरकोपी थाना से निलंबित थानेदार रणविजय सिंह अयोध्या से साधु बन कर लौटे हैं. उन्होंने अपनी वेशभूषा साधु जैसी कर ली है. अयोध्या से लौटने के बाद रणविजय सिंह बुधवार को ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा से मिलने पहुंचे. ग्रामीण एसपी ने उनसे परिवार वालों की परेशानी की चिंता हुई, तो घर लौट आये […]

रांची: नरकोपी थाना से निलंबित थानेदार रणविजय सिंह अयोध्या से साधु बन कर लौटे हैं. उन्होंने अपनी वेशभूषा साधु जैसी कर ली है. अयोध्या से लौटने के बाद रणविजय सिंह बुधवार को ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा से मिलने पहुंचे. ग्रामीण एसपी ने उनसे परिवार वालों की परेशानी की चिंता हुई, तो घर लौट आये उन्होंने ग्रामीण एसपी से कहा कि अचानक उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ कि उनके परिवार के सदस्य उनके नहीं रहने से काफी परेशान हो रहे होंगे. इसलिए उन्होंने तीन दिन पहले अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क किया. फिर उनका पुत्र अयोध्या पहुंचा. बेटा ही उन्हें अपने साथ लेकर आया.
अचानक हो गये लापता, मोबाइल कर लिया था बंद
ह्वाट्सएप पर शिकायत भेजने के बाद रणविजय सिंह अचानक लापता हो गये. उनका मोबाइल नंबर बंद बताने लगा. तब उनकी पत्नी ने अपहरण की आशंका जताते हुए डीआइजी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत की थी. इसमें उनकी पत्नी ने नरकोपी थाना में पदस्थापित पुलिस कर्मियों पर अपहरण का आरोप लगाया था. यह भी आशंका जतायी थी कि अपहरण के आरोपी उनकी हत्या कर सकते हैं. बाद में पुलिस ने इसकी जांच की, तो पुलिसकर्मियों पर अपहरण की बात सामने नहीं आयी. बाद में रणविजय का अपहरण किये जाने को लेकर उनकी पत्नी ने न्यायालय में शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत के आधार पर मामले में न्यायालय ने केस दर्ज करने का आदेश जारी किया था.
पुलिस को चाहिए रणविजय से कई जानकारियां
पुलिस के अधिकारियों ने रणविजय सिंह के थानेदार रहते हुए उनके पिस्टल-गोली के गायब होने सहित अन्य बिंदुओं पर भी पूछताछ की. रणविजय से पुलिस को कई और भी जानकारियां चाहिए. पुलिस अधिकारी रणविजय सिंह से इस संबंध में बाद में पूछताछ करेंगे.
सरकारी पिस्टल-गोली गायब होने पर थोनदार रणविजय हुए थे निलंबित
गत वर्ष नरकोपी थानेदार के पद पर रहते हुए रणविजय की सरकारी पिस्टल और गोली गायब हो गयी थी. पिस्टल और गोली चोरी करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया था. घटना के कुछ माह बाद रणविजय सिंह लापता हो गये. लापता होने से पहले उन्होंने नरकोपी थाना में पदस्थापित कुछ पुलिस कर्मियों पर अपहरण की आशंका जताते हुए वरीय पुलिस अधिकारियों के पास ह्वाट्सएप पर शिकायत की थी. उन्होंने लिखा था कि हथियार चोरी करने के पीछे नरकोपी थाना में पदस्थापित चौकीदार और पुलिसकर्मियों का हाथ है.

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