इसके बाद काम दूसरे ठेकेदार को आवंटित कर दिया गया. काम के निरीक्षण के दौरान कार्यपालक अभियंता ने सड़क से गुजरनेवाले व्यावसायिक वाहनों का आकलन किया. इसमें यह पाया गया कि इस सड़क से प्रति दिन औसतन 946 व्यावसायिक भारी वाहन गुजरते हैं. सड़क के ऊपर से पानी बहने और चलनेवाले वाहनों के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता ने फिर सड़क की सतह को उठाने और जीएसबी(ग्रेनुल सब बेस) को बढ़ाने का अनुरोध किया. इस सिलसिले में ठेकेदार को आवश्यक निर्देश देने के बाद उच्चाधिकारियों से इसकी अनुमति देने का अनुरोध किया.
पर उच्चाधिकारियों की ओर से किसी तरह का निर्देश नहीं मिलने की वजह से ठेकेदार ने पुराने प्राक्कलन के आधार पर ही जून 2016 में निर्माण कार्य पूरा कर दिया. पीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि पुरानी डीपीआर इस सड़क पर 843 भारी वाहनों के गुजरने को आधार मान कर बनायी गयी थी. साथ ही जल जमाव से सड़क को बचाने के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन मेें दिये गये प्रस्ताव को अस्वीकार किया गया. इसलिए इस सड़क के फेल होने की आशंका है.