जमशेदपुर : उनके पास हर सुख सुविधा है, लेकिन उनके लिए जिंगदी के मायने अलग हैं. वो नहीं चाहती है कि कोई भी व्यक्ति और बच्चा पैसे के अभाव में ज़रूरी इलाज और शिक्षा से वंचित रह जाये. इसलिए वह क्लीनिक के बाद समाज सेवा में जुट जाती हैं. ऐसा कर उन्हें सुकून मिलता है़ इसलिए तो वह असहाय और गरीबों की मदद करने में कभी पीछे नहीं रहतीं. हम बात कर रहे हैं डिमना रोड स्थित आस्था स्पेश टाउन की डॉ माधवी कर्ण की.
वह अपनी जीविका के बाद का समय गड़रूबासा और खड़गपुर के लोगों को देती हैं. वहां गरीब और असहाय बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देती हैं. उनका मुफ्त में इलाज करती हैं. उनका काम यहीं नहीं रुक जाता़ इलाज के साथ-साथ गरीबों को मुफ्त में दवा भी देती हैं.
डॉ माधवी कर्ण बताती हैं कि इलाज के लिए आये गरीब मरीजों की स्थिति देखकर उन्होंने गरीबों से पैसा लेना छोड़ दिया़ इस कदम ने उन्हें समाज के गरीब बच्चों और असहाय लोगों के लिए मुफ्त में सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया़ क्या था, गरीबों की सेवा शुरू हो गयी़ आज वह पेशा के साथ-साथ समाज के कई लोगों को कई प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रही हैं.
खड़गपुर में शुरू की सेवा : पति के खड़गपुर में पदस्थापित होने की वजह से उन्हें खड़गपुर भी जाना पड़ता है. यहां उन्होंने विद्यासागरपुर के गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का काम शुरू कर दिया. यहां एक महिला के घर में गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने का काम अनवरत कर रही हैं. होम्योपैथ डॉक्टर तो हैं ही, बीएड की डिग्री भी ली है़ं इसलिए शिक्षा से उन्हें विशेष लगाव है. वह जमशेदपुर के गडरूबासा बस्ती के गरीब बच्चों को भी नि:शुल्क शिक्षा देती हैं.
लगाती हैं नि:शुल्क कैंप : डाॅ कर्ण डिमना रोड में घर के आस-पास की बस्तियों में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाती हैं. यहां वह नि:शुल्क दवा भी वितरण करती हैं. गडरूबासा बस्ती में गरीबों के बीच चेक-अप कर नियमित दवा वितरण करती हैं. साथ ही भुइयांडीह व अन्य बस्तियों में भी समय-समय पर चेकअप कैंप लगाती हैं. इतना ही नहीं वह खड़गपुर के विद्यासागरपुर एवं वालीपुर क्षेत्र में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए भी नि:शुल्क हेल्थ कैंप भी लगाती हैं.मरीजों को तीन-चार दिनों के लिए नि:शुल्क दवा देती हैं.
सेवा ही सच्चा धर्म : डॉ माधवी
वह गरीबों की सेवा करना, असहायों की मदद करने को ही सच्चा धर्म मानती हैं. वह सब कुछ स्वेच्छा से अपने पैसे से करती हैं. इस तरह के काम में उन्हें काफी आनंद आता है. बार-बार खड़गपुर-टाटा की यात्रा होने के कारण उन्होंने दो गांव का चयन कर एक महिला के घर में गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू कर दिया है. आज उन्हें इन गरीब लोगों के बीच जाकर उनके साथ समय बिताना और उनकी मदद करना काफी अच्छा लगता है.
कई संस्था से जुड़ी हैं डाॅ माधवी
डॉ माधवी कर्ण वर्ष 1997 से सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती रही हैं. वह जेमी पॉल की कमेटी, नव प्रभा संस्था, जय प्रकाश ट्रस्ट, ब्लू ट्रस्ट समेत कई संस्थाअों से जुड़ कर सामाजिक कार्य तथा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, गरीबों को कपड़ा, पाठ्य सामग्री वितरण करने का काम करती हैं. उनके पति टाटा स्टील में कार्यरत थे. वर्तमान में खड़गपुर में टाटा मेटलिक में चीफ इंजीनियर सर्विसेस के पद पर पदस्थापित हैं. बेटी की शादी हो गयी है़ एक बेटा इंजीनियर तथा दूसरा डॉक्टर है.