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हमें देश में रहनेवाले 70 प्रतिशत ग्रामीणों के बारे में सोचना होगा : राज्यपाल

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि 70 प्रतिशत लोग गांवों मेें रहते हैं. इनके विकास बारे में हर विभाग को सोचना होगा. हर विभाग के लोगों एक साथ बैठ कर योजना बनायेंगे. इसके लिए अहम को दरकिनार करने की जरूरत है. राज्यपाल यूनिसेफ की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित झारखंड डेवलपमेंट डायलॉग व्याख्यान […]

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि 70 प्रतिशत लोग गांवों मेें रहते हैं. इनके विकास बारे में हर विभाग को सोचना होगा. हर विभाग के लोगों एक साथ बैठ कर योजना बनायेंगे. इसके लिए अहम को दरकिनार करने की जरूरत है. राज्यपाल यूनिसेफ की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित झारखंड डेवलपमेंट डायलॉग व्याख्यान में बोल रही थी़ं एक्सआइएसएस में आयोजित उक्त व्याख्यान का विषय ‘रीचिंग द अनरिच्ड : ए मार्च टूवर्ड्स एसडीजी-2030’ रखा गया था़ उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य की जिम्मेवारी सिर्फ कल्याण या महिला व बाल विभाग की नहीं, हर विभाग की है. बीमार होने की वजह से कई गरीब माता-पिता अपने बच्चों को काम करने के लिए भेजते हैं. सर्वविदित है कि गरीब बच्चे अपने जीवन की शुरुआत असमानता वाले वातावरण में करते है़ं.
इस असमानता के कारण बच्चों के जीवन, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है़, इसलिए स्वास्थ्य, शिक्षा भोजन की समस्याओं के समाधान की दिशा में और प्रभावी तरीके से काम करने की जरूरत है. सरकार के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों, औद्योगिक प्रबंधनों, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को वंचित बच्चों के हित में एक साथ आकर इस दिशा में सम्मिलित प्रयास करने की आवश्यकता है़ राज्यपाल के प्रधान सचिव एस सत्पथी ने कहा कि यदि देश सही मायने में विकसित होना चाहता है तो शिक्षा के हर केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना होगा़
किशोरों के सपने चूर न होने दें : मृदुला सिन्हा
व्याख्यान में झारखंड न्यूट्रीशन मिशन की महानिदेशक मृदुला सिन्हा ने कहा कि नीति निर्धारण के दृष्टिकोण से किशोर फोकस में नहीं रहते, जबकि यह जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण पक्ष है़ यह बचपन की तमाम सुरक्षाओं के बाद एक नयी दुनिया से रूबरू होने का समय है़ हर किशोर में सकारात्मक ऊर्जा होती है़ उनके सपनों को चूर न होने दे़ं सभी में आत्मविश्वास हो और सभी खुद को प्रतियोगिता के लायक महसूस कर सके़ं. इस दिशा में राज्य में तेजस्विनी और कस्तूरबा जैसी योजनाएं चल रही है़ं
व्यवहार में परिवर्तन लाने वाला हो संवाद : डॉ दीपक
यूएन प्रोफेशनल डॉ दीपक गुप्ता ने प्रचार-प्रसार के संदर्भ में कहा कि हमारे संवाद प्रभावी हों, जो लोगों के व्यवहार में परिवर्तन ला सके. यह निर्देशात्मक नहीं हो़ं ये पूरे समाज को मिला कर चलनेवाले हो़ इसमें सबसे निचले स्तर को आधार बनाया जाये़ स्थानीय परिपेक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए़ यह समुदाय के हाथों में हो, कम लागत का हो और लोगों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हो़
बच्चों के साथ किशोरों के समग्र विकास पर है ध्यान
यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख डॉ मधुलिका जोनाथन ने कहा कि यूनिसेफ बच्चों के साथ-साथ किशोरों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है़ उनके समेकित विकास के लिए उनकी मानसिक, शारीरिक, शिक्षा तक उनकी पहुंच, स्चच्छ पेयजल, सामाजिक सुरक्षा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है़ हर बच्चे के लिए संभावनाएं है़ं इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ एलेक्स एक्का ने प्रतिभागियों का स्वागत किया़ प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ़ यूनिसेफ की कम्यूनिकेशन ऑफिसर मोइरा दावा उपस्थित थी़ं कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया़

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