रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को रांची नगर निगम के मेयर चुनाव में हुए नोट फॉर वोट मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. तेजी से जांच पूरी करने का निर्देश दिया. अनुसंधानकर्ता की कार्यशैली पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी. डीजीपी को स्टेटस रिपोर्ट दायर कर जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया. साथ ही आयकर विभाग को जांच में सहयोग देने को कहा.
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए नाराजगी जतायी. माैखिक रूप से कहा कि साढ़े तीन वर्ष बीतने के बाद भी मामले की जांच चल रही है. इतना समय कम है क्या. ऐसी काैन सी बात है, जिसकी जांच इतने लंबे समय से की जा रही है. कोई आरोपी फरार भी नहीं है. अधिकारियों का एप्रोच लेथार्जिक है. जांच में विलंब किया जा रहा है. ब्रेन मैपिंग भी नहीं करायी गयी है.
सीडी, फुटेज की जांच नहीं हो पायी है. सरकार कह रही है कि फुटेज व सीडी कोलकाता व चंडीगढ़ जांच के लिए भेजा गये हैं, रिपोर्ट नहीं मिली है. उसकी रिपोर्ट कब आयेगी. इच्छाशक्ति से कोई भी काम को पूरा किया जा सकता है. इससे पहले प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी दीवान इंद्रनील सिन्हा ने जनहित याचिका दायर कर मेयर चुनाव में पैसे के खेल की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी. वर्ष 2012 में मेयर चुनाव के पूर्व सर्कुलर रोड स्थित होटल सिटी पैलेस के कमरे से छापेमारी के दाैरान लगभग 22 लाख रुपये पुलिस ने बरामद किये थे. बरामद रुपये का उपयोग मेयर चुनाव में होना था. इस मामले में पुलिस ने मेयर प्रत्याशी रमा खलखो सहित कई लोगों को आरोपी बनाया था. उक्त मामले की जांच जारी है.