मार्च 2018 तक 50 फीसदी व मार्च 2019 तक शत प्रतिशत पंचायतों को शून्य ड्रॉप आउट बनाया जा सके. व्यस्कों को एडल्ट लिटरेसी सेंटर में नामांकन करा कर साक्षर बनायें. 30 नवंबर तक जिला स्तरीय एसएलसी सम्मेलन, बाल संसद सम्मेलन व शिक्षक समागम का आयोजन करें. मुख्य सचिव ने कहा कि एमडीएम के लिए चावलों का उठाव गोदामों के बजाय पीडीएस दुकानों से इ-पॉस के माध्यम से हो. वहीं बीएड कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा. जिन शिक्षकों के आधार सीडिंग का काम नहीं हुआ है, वे 15 दिन में यह सुनिश्चित कर लें, ताकि आरटीजीएस के माध्यम से उनका भुगतान हो सके.
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स्कूली बच्चों को स्वेटर देगी सरकार
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने मैट्रिक के विद्यार्थियों के रिजल्ट पर फोकस करने का निर्देश दिया है. बच्चों को पढ़ाई में किसी तरह की परेशान न हो, इसके लिए एक कोषांग का गठन करें. उसकी रोज मॉनिटरिंग की जाये. साथ ही यह सुनिश्चित हो कि किसी भी स्कूल में बच्चे ड्रॉप आउट न हों. […]
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने मैट्रिक के विद्यार्थियों के रिजल्ट पर फोकस करने का निर्देश दिया है. बच्चों को पढ़ाई में किसी तरह की परेशान न हो, इसके लिए एक कोषांग का गठन करें. उसकी रोज मॉनिटरिंग की जाये. साथ ही यह सुनिश्चित हो कि किसी भी स्कूल में बच्चे ड्रॉप आउट न हों. अगर ऐसा होता है, तो स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को जवाबदेह माना जायेगा. मुख्य सचिव गुरुवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की समीक्षा कर रहीं थीं.
इस क्रम में उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षकों व जिला शिक्षा पदाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक निर्देश भी दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों को स्वेटर भी दिया जायेगा. बच्चों को अब तक सरकार की ओर से नि:शुल्क पोशाक, किताब, जूता-मोजा , बैग व अन्य पाठ सामग्री दी जाती है. उन्होंने कहा कि मुखिया भी हर माह स्कूलों का निरीक्षण करें, इसकी व्यवस्था हो. मैट्रिक की परीक्षा में विद्यार्थियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन हो, इसके लिए ग्रामीण इलाकों में आवश्यक कदम उठाये जायें.
जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षक प्रतिनियुक्त किये जायें तथा एक्सट्रा क्लास की व्यवस्था हो. जिन स्कूलों में साइंस के प्लस-टू शिक्षक अधिक हैं, उन्हें चिह्नित कर दसवीं तक के स्कूलों में लगाये जायें. बच्चों को खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए जिलास्तर पर हॉकी, फुटबॉल व वॉलीबॉल प्रतियोगिता करायें. कोच के रूप में स्थानीय बेहतर खिलाड़ी या राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ खिलाड़ियों की सेवा लें. पंचायतों को साक्षर बनाने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक हर प्रखंड के पांच पंचायतों को चिह्नित करें, ताकि अप्रैल 2017 तक हर प्रखंड को शून्य ड्रॉप आउट बनाया जा सके.
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जो बताया
विभाग द्वारा बताया गया कि मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में अब तक राज्य के 2448 स्कूलों में अलग-अलग खेल के लिए टीमों का गठन किया गया है. इसके तहत फुटबॉल की 796, हॉकी की 1836 व वॉलीबॉल की 1297 टीमों का गठन किया जा चुका है. अब तक राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में करीब 10 हजार हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया है, जिसमें करीब छह लाख बच्चों का हेल्थ चेकअप किया जा चुका है. बैठक में मुख्य रूप से शिक्षा सचिव आराधना पटनायक, निदेशक प्राथमिक शिक्षा के एन झा, परियोजना निदेशक मुकेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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