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यह संशाेधन आदिवासी समाज काे स्वीकार नहीं : माेरचा
रांची: झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने विधानसभा में सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक पारित होने को आदिवासियों के लिए त्रासदी बताया है़ संयोजक डॉ करमा उरांव ने कहा कि यह विकास के नाम पर विनाश का फरमान है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आदिवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है, जिसे आदिवासी समाज स्वीकार करता है़ हम […]
रांची: झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने विधानसभा में सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक पारित होने को आदिवासियों के लिए त्रासदी बताया है़ संयोजक डॉ करमा उरांव ने कहा कि यह विकास के नाम पर विनाश का फरमान है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आदिवासियों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है, जिसे आदिवासी समाज स्वीकार करता है़ हम यह युद्ध लड़ेंगे़ वह बुधवार को होटल गंगा आश्रम में पत्रकारों से बात कर हरे थे़.
तैयार रहें आदिवासी
प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों की पारंपरिक व्यवस्था का अपमान किया है़ सरकार लाइजनिंग एजेंट की तरह काम कर रही है़ उन्होंने आदिवासियों से आह्वान है कि वे विद्रोह के लिए तैयार रहे़ं मौके पर डॉ रामेश्वर उरांव, डॉ दिनेश उरांव, किस्टो कुजूर, रायमनी मुंडा, जीता उरांव, परमेश्वर मुंडा, चंद्रशेखर मुंडाआदि मौजूद थे़
मोरचा ने दो को बुलाया बंद, 25 के बंद को भी िदया अपना समर्थन
रांची. झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा के संयोजक डॉ करमा उरांव ने 25 नवंबर को विपक्षी पार्टियों के झारखंड बंद का समर्थन करने की घोषणा की है़ उन्होंने कहा कि मोरचा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर बंद करायेंगे़ दो दिसंबर को मोरचा द्वारा संपूर्ण झारखंड बंद कराया जायेगा़ गुरुवार को दिन के दो बजे मोरचा की आपात बैठक बुलायी गयी है, जिसमें भावी रणनीति तय की जायेगी़.
काला दिवस मनाया
झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक के विरोध में काला दिवस मनाया़ काले झंडे के साथ प्रदर्शन किया तथा अलबर्ट एक्का चौक में विधेयक की प्रतियां जलायी़ मौके पर पूर्व मंत्री देवकुमार धान, प्रेमशाही मुंडा, अभय भुटकुंवर, सुनील मुरमू, कृष्णा मुंडा, जय सिंह, आशीष खलखो, करमा तिर्की व अन्य मौजूद थे़.
करो या मरो की स्थिति : देवकुमार
झारखंड प्रदेश मांझी-परगनैत, मुंडा-मानकी, हातु मुंडा-महतो-पड़हा महासमिति के संयोजक देवकुमार धान ने कहा कि आदिवासी समाज के सामने अब करो या मरो की स्थिति है़ महासमिति समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर आर-पार की लड़ाई लड़ेगी़
समाहरणालय के समक्ष धरना
रांची. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झामुमो ने बुधवार को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया. इस दौरान दो घंटे तक समाहरणालय का मुख्य द्वार बंद रहा. कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की. कर्मचारी व आम लोग अंदर ही फंसे रहे. झामुमो रांची की जिला अध्यक्ष सुशीला एक्का ने कहा कि रघुवर सरकार आदिवासी विरोधी है. आदिवासियों से जबरन जमीन लेकर उद्योगपतियों को देना चाहती है.
पूंजीपतियों से सांठ-गांठ : जदयू
रांची. प्रदेश जदयू के मीडिया प्रभारी जफर कमाल ने कहा कि जिस प्रकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन बिल सदन से पास कराया गया, उससे जाहिर होता है कि सरकार का पूंजीपतियों के साथ सांठ-गांठ है. सरकार ने राज्य के भोलीभाली जनता के गला को घोंटने का काम किया है. पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गयी कार्रवाई शर्मसार करने वाली है.
विरासत पर हमला : माकपा
माकपा ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू की विरासत पर हमला कहा है. माकपा राज्य सचिव मंडल ने कहा है कि रघुवर सरकार जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया. इसके विरोध में 24 नवंबर को विरोध दिवस आयोजित किया जायेगा. रघुवर सरकार का पुतला दहन किया जायेगा.
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