14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ट्वीट कर CM रघुवर दास ने रखा अपना पक्ष, कहा – कुछ लोगों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की

रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन को लेकर झारखंड की राजनीति गरमा गयी है. उधर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि कुछ लोगों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है. बच्चों का भविष्य कैसे बेहतर बनाया जाये, इस पर काम नहीं किया. हमारी सरकार इस पर काम कर रही है. हमारे […]

रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन को लेकर झारखंड की राजनीति गरमा गयी है. उधर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि कुछ लोगों ने केवल वोट बैंक की राजनीति की है. बच्चों का भविष्य कैसे बेहतर बनाया जाये, इस पर काम नहीं किया. हमारी सरकार इस पर काम कर रही है. हमारे ट्राइबल बच्चे काफी मेहनती और कुशाग्र हैं. अच्छे संस्थानों में पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं. सरकार ऐसे बच्चों की मदद करेगी. आज बदलते युग में हर कोई उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है. पैसे की तंगी किसी होनहार के कैरियर में आड़े न आये, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री नेलिखा है किअनुसूचित जनजाति के लोगों को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए ऋण मिले, इसके उपाय भी सुझाने को कहा है. इस पर कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी. खूंटी-गुमला में एक ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोली जायेगी. साथ ही राज्य की हर यूनिवर्सिटी में एक स्टार्टअप इंक्यूवेशन सेंटर खोले जायेंगे.

बैंकों को शिक्षा ऋण के लिए एक अलग वेब पोर्टल बनाने का निर्देश दिये. इसके माध्यम से लोन नहीं मिलने या देरी होने के कारणों का पता चलता रहेगा. ST/SC व OBC के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएनटी -एसपीटी एक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि CNT/SPT एक्ट की कानूनी बाध्यता के कारण भूमि को बंधक रखे बिना बैंक शिक्षा ऋण नहीं दे रहे थे. मुख्यमंत्री उच्चशिक्षा फेलोशीप योजना नाम से कोष का गठन होगा. इस कोष में 50 करोड़ रुपये होंगे, जो लोन डिफॉल्ट होने की स्थिति में काम आयेंगे. झारखंड के आदिवासी बच्चों को अब उच्च शिक्षा ऋण बिना किसी परेशानी मिल सकेगा. राज्य सरकार उनके लोन की सिक्यूरिटी की गारंटी लेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें