झाविमो मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर श्री मरांडी ने कहा : सरकार बहुमत की धौंस दिखा कर 23 नवंबर को संशोधन बिल पेश करने पर अामादा है. उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए कानून में जबरन किये जा रहे संशोधन से आदिवासियों – मूलवासियों की जमीन खत्म हो जायेगी. श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के पास जनता के बीच जाकर संशोधन की बात करने की हिम्मत नहीं है. इसी वजह से हवाई जहाज से परचे गिरा कर कोरम पूरा किया जा रहा है. सरकार ने संशोधन का निर्णय वापस नहीं लिया, तो आंदोलन उग्र होगा. श्री मरांडी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद पांच वर्ष तक इस्तेमाल नहीं होने पर उसे वापस करने का प्रावधान पहले से ही एक्ट में मौजूद है. देवघर के डाबर ग्राम मामले में उच्च न्यायालय ने एसपीटी की धारा 53 का उल्लेख करते हुए यह बात अपने आदेश में कही है. अब सरकार प्रावधान संशोधित कर पांच साल वाली बात जोड़ने का छलावा कर रही है.
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हटाये गये प्रावधान फिर लागू करने की है तैयारी : बाबूलाल मरांडी
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि 1996 में तत्कालीन बिहार सरकार ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट मजबूत करने के लिए कानून में संशोधन किया था. राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार द्वारा सीएनटी और एसपीटी एक्ट का दुरुपयोग रोकने के लिए संशोधित किये गये प्रावधानों को अब […]
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि 1996 में तत्कालीन बिहार सरकार ने सीएनटी और एसपीटी एक्ट मजबूत करने के लिए कानून में संशोधन किया था. राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार द्वारा सीएनटी और एसपीटी एक्ट का दुरुपयोग रोकने के लिए संशोधित किये गये प्रावधानों को अब रघुवर सरकार फिर से लागू कर रही है.
झाविमो मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर श्री मरांडी ने कहा : सरकार बहुमत की धौंस दिखा कर 23 नवंबर को संशोधन बिल पेश करने पर अामादा है. उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए कानून में जबरन किये जा रहे संशोधन से आदिवासियों – मूलवासियों की जमीन खत्म हो जायेगी. श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के पास जनता के बीच जाकर संशोधन की बात करने की हिम्मत नहीं है. इसी वजह से हवाई जहाज से परचे गिरा कर कोरम पूरा किया जा रहा है. सरकार ने संशोधन का निर्णय वापस नहीं लिया, तो आंदोलन उग्र होगा. श्री मरांडी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद पांच वर्ष तक इस्तेमाल नहीं होने पर उसे वापस करने का प्रावधान पहले से ही एक्ट में मौजूद है. देवघर के डाबर ग्राम मामले में उच्च न्यायालय ने एसपीटी की धारा 53 का उल्लेख करते हुए यह बात अपने आदेश में कही है. अब सरकार प्रावधान संशोधित कर पांच साल वाली बात जोड़ने का छलावा कर रही है.
पंचायतों में मनोनीत व्यक्ति को शामिल करने का प्रयास
श्री मरांडी ने कहा कि सरकार झारखंड पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर पंचायतों में एक सदस्य का मनोनयन करने जा रही है. चुने गये मुखिया और वार्ड पार्षदों के बीच मनोनीत व्यक्ति को भी पंचायत में शामिल किया जायेगा. यह डेमोक्रेसी का मखौल है. लोकतांत्रिक ढांचा बरबाद करने का प्रयास है. यह उसी तरह है, जैसे जहां भाजपा का विधायक नहीं होने पर सरकार वहां से एक भाजपा विधायक को मनोनीत कर दे. झाविमो पंचायती राज व्यवस्था में इस बदलाव का विरोध करती है. सदन में पार्टी विधायक संबंधित बिल का विरोध करेंगे.
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