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साईं धाम में आज उमड़ेंगे भक्त
रांची : पुंदाग साई धाम सज-धज कर तैयार हो गया है. पूजन की सारी तैयारी हो गयी है. गुड़गांव से गुरु कुमार आनंद रंजन पहुंच रहे हैं. उनके सानिध्य में साईं भक्त द्वारिकामाई के अनावरण कार्यक्रम में भाग लेंगे. यहां शिरडी से मंगायी गयी बाबा की प्रतिमा का अनावरण होगा. सोमवार की सुबह काकड़ आरती […]
रांची : पुंदाग साई धाम सज-धज कर तैयार हो गया है. पूजन की सारी तैयारी हो गयी है. गुड़गांव से गुरु कुमार आनंद रंजन पहुंच रहे हैं. उनके सानिध्य में साईं भक्त द्वारिकामाई के अनावरण कार्यक्रम में भाग लेंगे.
यहां शिरडी से मंगायी गयी बाबा की प्रतिमा का अनावरण होगा. सोमवार की सुबह काकड़ आरती से कार्यक्रम की शुरुआत होगी. वहीं लापुंग साईं मंदिर से धूनी लाकर यहां प्रज्वलित की जायेगी. धूनी प्रज्वलन के बाद द्वारिकामाई को भक्ताें के लिए खोल दिया जायेगा. यहां आयोजित साईं धाम स्थापना दिवस सह द्वारिकामाई कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रांची के अलावे जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, चक्रधरपुर आदि इलाके से भक्त पहुंच रहे हैं. भक्तों के लिए विशेष भोग भंडारा की व्यवस्था की गयी है. रविवार से ही इसकी तैयारी कर दी गयी थी. प्रेम अग्रवाल एंड ग्रुप की अोर से बाबा का भजन पेश किया जायेगा. परायण कक्ष को भी आकर्षक तरीके से बनाया गया है. इसमें एक साथ 25 से ज्यादा भक्त बैठ कर बाबा का पाठ कर सकेंगे. जमशेदपुर व रांची के भक्त रविवार देर रात तक तैयारी में लगे रहे. वहीं कलाकारों ने भी देर रात तक काम किया.
फूलों से सजा है पूरा परिसर: पूरे परिसर को फूलों से सजाया गया है. रविवार सुबह से ही मालाकार चावड़ी, गुरुस्थानम व द्वारिकामाई को सजाने में लगे थे.
रंगोली से बनायी बाबा की थ्रीडी आकृति: द्वारिकामाई में रायपुर के कलाकारों ने रंगोली से बाबा की थ्रीडी आकृति बनायी है. इसमें मुकुट पहने हुए बाबा का चेहरा पानी में तैरता हुआ नजर आ रहा है. तीन कलाकारों ने 12 घंटे में आकृति तैयार की है.
अोड़िशा के कलाकारों की कलाकृति: द्वारिकामाई से लेकर हर जगह पर अोड़िशा के कलाकारों की कलाकृति दिख रही है. अपनी कला से दीवारों पर नक्काशी की है. साथ ही आकर्षक पेंटिंग से दीवार को खूबसूरत बनाया है. साईं धाम में प्रवेश करते ही बाबा पर आधारित कलाकृति का नजारा दिख रहा है. बाबा को विशेष चबूतरे पर खड़ा किया गया है.
द्वारिकामाई में बाबा का चूल्हा, चिमटा सारा कुछ : द्वारिकामाई में वे सारी सामग्रियां देखने को मिलेंगी, जो शिरडी स्थित द्वारिकामाई में देखने को मिलती है. बाबा का चूल्हा, चिमटा से लेकर सारा सामान यहां रखा गया है. शिरडी द्वारिकामाई में आज भी उस पत्थर को रखा गया है, जिस पर बाबा अक्सर बैठा करते थे. साईं धाम के द्वारिकामाई में भी बिल्कुल वैसा ही पत्थर स्थापित किया गया है.
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