विभाग ने पाया कि अब तक काम की प्रगति 42 फीसदी है. अब जाकर विभाग ने उस पुल के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला है, चूंकि पहली बार के टेंडर में ठेकेदारों ने भाग नहीं लिया था. इधर गारू-सरयू मार्ग पर ही कोयल नदी के ऊपर एक अन्य पुल बनाने का काम भी इसी ठेकेदार को मिला था. इस काम के लिए भी ठेकेदार ने गलत बैंक गारंटी दिया था. इस योजना के लिए ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई की गयी है. पहली बार के टेंडर में कोई ठेकेदार नहीं मिला है. ऐसे में दूसरी बार टेंडर करना पड़ा है.
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गलत बैंक गारंटी देनेवाले ठेकेदार पर प्राथमिकी, फंसा पुलों का काम
रांची : गलत बैंक गारंटी देकर पुल का काम लेनेवाले ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. उसे टर्मिनेट भी कर दिया गया है. इसके बाद अब नये सिरे से पुल के काम का टेंडर निकाला गया है. मामला लातेहार जिले के गारू-सरयू रोड का है. यहां चौपट नदी पर पथ निर्माण विभाग ने […]
रांची : गलत बैंक गारंटी देकर पुल का काम लेनेवाले ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. उसे टर्मिनेट भी कर दिया गया है. इसके बाद अब नये सिरे से पुल के काम का टेंडर निकाला गया है. मामला लातेहार जिले के गारू-सरयू रोड का है. यहां चौपट नदी पर पथ निर्माण विभाग ने पुल का काम 17 जुलाई 2015 को शुरू कराया था. काम मार्च 2017 में पूरा कर लेना था. इस बीच विभाग को पता चला कि ठेकेदार ने गलत बैंक गारंटी देकर काम हासिल कर लिया है. इसके बाद ही विभाग ने कार्रवाई करते हुए उसे टर्मिनेट कर दिया.
विभाग ने पाया कि अब तक काम की प्रगति 42 फीसदी है. अब जाकर विभाग ने उस पुल के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला है, चूंकि पहली बार के टेंडर में ठेकेदारों ने भाग नहीं लिया था. इधर गारू-सरयू मार्ग पर ही कोयल नदी के ऊपर एक अन्य पुल बनाने का काम भी इसी ठेकेदार को मिला था. इस काम के लिए भी ठेकेदार ने गलत बैंक गारंटी दिया था. इस योजना के लिए ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई की गयी है. पहली बार के टेंडर में कोई ठेकेदार नहीं मिला है. ऐसे में दूसरी बार टेंडर करना पड़ा है.
सुरक्षा के बावजूद काम धीमा
वहीं गुमला में बनारी-बनालत पथ पर जोरी नदी के ऊपर भी पथ विभाग एलडब्ल्यूइ (लेफ्ट विंग एक्सट्रीम) स्कीम के तहत पुल बनवा रहा है. इसका एग्रीमेंट फरवरी 2016 को हुआ था. इसकी धीमी प्रगति पर विभागीय सचिव ने नाराजगी व्यक्त की है. इसका काम सुरक्षा कैप लगा कर किया जा रहा है, फिर भी काम की गति धीमी है. ठेकेदार को जनवरी 17 तक काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
डिबार करने की तैयारी
कजरी-पाटन रोड पर 16 जनवरी 2012 को पुल का काम शुरू कराया गया था. फरवरी 2014 तक इस काम को पूरा करना था, पर काम पूरा नहीं हुआ. इसके ठेकेदार संजय अग्रवाल को नोटिस दिया गया है. अब ठेकेदार को डिबार करने की तैयारी की जा रही है. ढाई साल बाद भी पुल नहीं बनने को विभाग ने गंभीरता से लिया है.
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