अकादमी में फिलहाल 150 से ज्यादा बच्चे तीरंदाजी का हुनर सीख रहे है़ं अकादमी से प्रशिक्षित बच्चे अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभाओं का परचम लहरा चुके है़ं संस्थान से प्रशिक्षत 13 वर्षीय सिम्पी कुमारी पांच बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है़ं बेहतरीन प्रदर्शन के लिए केंद्र से प्रशिक्षित सिम्पी कुमारी को वर्ष 2013 के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिल चुका है़ अकादमी द्वारा दिव्यांगों के लिए भी प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है़ संस्थान की दिव्यांग तीरंदाज सुशीला कुमारी, भुंज शूंडी वर्ष 2014 में दक्षिण कोरिया मेें आयोजित पारा एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुके है़.
पिछले छह वर्षों में केंद्र से प्रशिक्षित बच्चों ने स्कूल, कॉलेज, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में 200 से ज्यादा मेडल लाये है़ं दिव्यांग बच्चों का भी प्रतिभा निखारने का काम हो रहा है़ सिल्ली में दिव्यांग बच्चों के लिए अलग शाखा है़ आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे-बच्चियाें ने अपने परिवार को सामाजिक पहचान दिलायी है़ सिल्ली में स्थापित केंद्र की सफलता को देखते हुए गुमला, सोनाहातू, जोन्हा में इसकी शाखाएं खोली गयी है़