आदिवासी शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन करना चाहते थे़, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आने से रोका़ झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, जदयू की पूर्व मंत्री सुधा चौधरी, जफर कमाल, भाकपा के केडी सिंह, मासस के सुशांतो, सपा के मनोहर यादव, राजद के अनिल सिंह आजाद, प्रणव बबलू और सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने जांच रिपोर्ट जारी करते हुए अपनी बातें रखी़ वक्ताओं ने कहा कि पहली बार झारखंड के गांव में धारा 144 लगायी गयी थी. प्रशासन को निर्देश दिया गया था कि किसी को रैली में आने नहीं दिया जाये़.
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खूंटी में गोलीकांड पर विपक्ष की जांच रिपोर्ट, कहा आदिवासियों को रैली में आने से रोका, इसलिए हुई घटना
रांची: विपक्ष ने पिछले 22 अक्तूबर को खूंटी के सोयको में हुए गोलीकांड पर रिपोर्ट जारी की है़ कांग्रेस, झाविमो, जदयू, राजद, भाकपा, मासस, माकपा, सपा सहित विभिन्न संगठनों के लोगों ने स्थल निरीक्षण किया. भुक्त भोगी, मृतक अब्राहम मुंडू के परिजन और घटना के चश्मदीद से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट जारी की है़ […]
रांची: विपक्ष ने पिछले 22 अक्तूबर को खूंटी के सोयको में हुए गोलीकांड पर रिपोर्ट जारी की है़ कांग्रेस, झाविमो, जदयू, राजद, भाकपा, मासस, माकपा, सपा सहित विभिन्न संगठनों के लोगों ने स्थल निरीक्षण किया. भुक्त भोगी, मृतक अब्राहम मुंडू के परिजन और घटना के चश्मदीद से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट जारी की है़ विपक्ष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर 22 अक्तूबर को आदिवासियों को रैली में आने से नहीं रोका जाता, तो अप्रिय घटना नहीं होती़.
आदिवासी शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन करना चाहते थे़, लेकिन प्रशासन ने उन्हें आने से रोका़ झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय, जदयू की पूर्व मंत्री सुधा चौधरी, जफर कमाल, भाकपा के केडी सिंह, मासस के सुशांतो, सपा के मनोहर यादव, राजद के अनिल सिंह आजाद, प्रणव बबलू और सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला ने जांच रिपोर्ट जारी करते हुए अपनी बातें रखी़ वक्ताओं ने कहा कि पहली बार झारखंड के गांव में धारा 144 लगायी गयी थी. प्रशासन को निर्देश दिया गया था कि किसी को रैली में आने नहीं दिया जाये़.
बड़े अफसर रैली विफल करने के लिए कह रहे थे : बाबूलाल
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले दिनों जिस जगह पर भी आदिवासियों की रैली हुई है, वह स्वत: स्फूर्त थी़ सरकार ने रैली को विफल करने के लिए खूंटी सहित आसपास की सभी जगहों पर धारा 144 लगा दी. सचिवालय मेें बैठे बड़े आइएएस अफसर थानेदार को रैली को विफल करने की बात कर रहे थे़ राज्य में किसी रैली को रोकने के लिए यह पहली बार हो रहा था़ घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए़.
पुलिस ने लोगों को उकसाया : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि खूंटी में पुलिस ने उत्तेजना बढ़ाने का काम किया़ डीएसपी और उनके बॉडीगार्ड के आने के बाद ही माहौल बिगड़ा़ पुलिस ने दुष्प्रचार किया कि उन्हें रस्सी से बांधा गया़ हजारों की भीड़ सड़क पर बैठी थी़ उसने पुलिस को भी वहीं बैठने के लिए कहा़ पुलिस वहां से जाना चाहती थी, तो लोगों ने विरोध किया़
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