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1800 पेंडिंग, फिर भी मिले 688 नये काम

रांची: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 1800 स्कीम पेंडिंग होने के बाद भी राज्य को सड़क व पुल की और 688 योजनाएं मिल गयी हैं. यानी 950 करोड़ की अतिरिक्त योजनाएं अभी मिली हैं. ऐसे में ग्रामीण कार्य विभाग की अथोरिटी जेएसआरआरडी पर काम का लोड बढ़ गया है. अथोरिटी के पास पेंडिंग 1800 स्कीम […]

रांची: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 1800 स्कीम पेंडिंग होने के बाद भी राज्य को सड़क व पुल की और 688 योजनाएं मिल गयी हैं. यानी 950 करोड़ की अतिरिक्त योजनाएं अभी मिली हैं. ऐसे में ग्रामीण कार्य विभाग की अथोरिटी जेएसआरआरडी पर काम का लोड बढ़ गया है. अथोरिटी के पास पेंडिंग 1800 स्कीम में से 800 योजनाअों का काम है, जो पूरा नहीं हो पाया है.
इस तरह पुरानी योजनाअों के साथ ही 637 नयी सड़क व 51 नये पुल का काम अथोरिटी के जिम्मे आ गया है. हालांकि इन सारी योजनाअों का टेंडर कर लिया गया है. अब काम भी शुरू होने जा रहा है. काम का लोड बढ़ने की वजह से अथाेरिटी ने 30 फीसदी से अधिक काम ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल को दे दिया है.
इंफ्रास्ट्रक्चर वही, पर काम का दबाव हुआ अधिक
राज्य के 24 जिले में जेएसआरआरडीए का डिवीजन कार्यालय है. चक्रधरपुर में एक अतिरिक्त डिवीजन कार्यालय है. इस तरह कुल 25 डिवीजन कार्यालय में इतने ही संख्या में कार्यपालक अभियंता कार्यरत हैं. एक डिवीजन में चार से पांच के करीब सहायक अभियंता हैं. इस तरह 120 से ज्यादा सहायक अभियंता हैं. वहीं, कनीय अभियंताअों की संख्या 200 से अधिक है. नया काम तो मिला है, पर इंफ्रास्ट्रक्चर वही है. अथोरिटी के ऊपर दो साल पुरानी योजनाअों को पूरा कराने का दबाव अधिक है. अतिरिक्त नयी योजनाअों का भी दबाव पड़ने जा रहा है. इंजीनियर बताते हैं कि इस स्थिति में काम प्रभावित हो सकता है.
डैम बनानेवाले इंजीनियर बनायेंगे सड़क
विशेष प्रमंडल में जल संसाधन विभाग के ही इंजीनियरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इस प्रमंडल से मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत पुल-पुलिया का निर्माण कराया जाता है. अब इस डिवीजन को सड़क का निर्माण कराने की भी जिम्मेवारी दी गयी है. जल संसाधन विभाग में मुख्य रूप से डैम व अन्य जलाशयों का निर्माण सहित अन्य कार्य होते हैं. ग्रामीण सड़क निर्माण का अनुभव इस विंग को नहीं है. ऐसे में इस विंग को सड़क का काम देने से सवाल खड़े हो रहे हैं.

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