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हर जिले में हो एक्सआइएसएस जैसे संस्थान

दौरा. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने किया एक्सआइएसएस के विभिन्न विभागों का भ्रमण, कहा रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि एक्सआइएसएस झारखंड के बेहतरीन संस्थानों में से एक है़ यहां पढ़ाई के साथ साथ शोध के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हो रहा है़ संस्थान में आधुनिक तकनीक से पढ़ाई होती है़ विद्यार्थी गांवों […]

दौरा. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने किया एक्सआइएसएस के विभिन्न विभागों का भ्रमण, कहा
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि एक्सआइएसएस झारखंड के बेहतरीन संस्थानों में से एक है़ यहां पढ़ाई के साथ साथ शोध के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हो रहा है़ संस्थान में आधुनिक तकनीक से पढ़ाई होती है़ विद्यार्थी गांवों में भी जाकर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते है़ं औसतन 80 फीसदी विद्यार्थियों का प्लेसमेंट होता है़ ऐसे संस्थान हर जिले में होने चाहिए़ राज्यपाल एक्सआइएसएस के भ्रमण के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं.
मंगलवार को उन्होंने एक्सआइएसएस के क्लासरूम, जियोग्राफिकल इनफार्मेशन सिस्टम, लाइब्रेरी, कप्यूटर लैब, इंटरप्रेन्याेरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम सेंटर, प्लेसमेंट चैंबर, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ट्राइबल हैंडीक्राफ्ट मार्केटिंग सेल व ट्राइबल गर्ल्स हॉस्टल का अवलोकन किया. इस अवसर पर डायरेक्टर फादर एलेक्स एक्का, असिस्टेंट डायरेक्टर फादर प्रदीप केरकेट्टा, प्रो एमएच अंसारी, प्रो एसआर शौक, एसएन सिंह, फादर अशोक, प्रो एआर बोदरा, प्रो सजीत लकड़ा, प्रो संजय वर्मा, प्रो हरप्रीत सिंह, प्रदीप झा आदि मौजूद थे.
महिला हेल्पलाइन व चाइल्डलाइन के कार्यों को जाना: राज्यपाल एक्सआइएसएस के गर्ल्स कैंपस हॉस्टल कैंपस में अवस्थित महिला हेल्पलाइन व चाइल्ड हेल्पलाइन कार्यालय भी गयी़ं एक्सआइएसएस इनकी नोडल एजेंसी है़ महिला हेल्पलाइन की को-ऑर्डिनेटर विद्यावती कुमारी ने उन्हें बताया कि प्रतिदिन पांच- छह लोग कार्यालय आ कर मामला दर्ज कराते है़ 20 से ज्यादा फोन कॉल आते है़ं 90 प्रतिशत मामले परामर्श द्वारा सुलझा लिये जाते है़
सभी मामलों का नियमित रूप से फॉलोअप होता है़ चाइल्ड लाइन की सिटी को-ऑर्डिनेटर सुराधा कच्छप ने उन्हें जानकारी दी कि इसके द्वारा ट्रैफिकिंग के शिकार, बाल श्रमिक, बाल विवाह के शिकार बच्चों की सुधि ली जाती है़ शेल्टर होम मुहैया करायी जाती है़
पुनर्वास का ध्यान रखा जाता है़
रांची : फ्रांस के कांैसुल जेनरल डेमियन सैयद ने कहा कि भारतीय विद्यार्थियों के उच्चतर अध्ययन के लिए फ्रांस एक अच्छा मुकाम है़ एक्सआइएसएस विविध क्षेत्रों से जुड़ा है और उल्लेखनीय कार्य कर रहा है़
अंतिम को प्रथम रखने की इसकी पहल स्वागतयोग्य है़ स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत यहां के विद्यार्थियों के लिए फ्रांस में कई संभावनाएं है़ं वह एक्सआइएसएस में फैकल्टी व स्टूडेंट्स से रू-ब-रू थे़ निदेशक फादर एलेक्स एक्का ने कहा कि यहां से प्राध्यापक फ्रांस जाकर इसकी संभावनाओं का अध्ययन करेंगे, इसके बाद एमओयू किया जायेगा़
इस अवसर पर प्रो एसआर शौक, प्रो एमएच अंसारी और प्रो संजय वर्मा ने एक्सआइएसएस के विविध कार्यक्रमों की जानकारी दी़ वहीं कैंपस फ्रांस की अंजिता रॉय चौधरी, प्रो एआर बोदरा, फादर प्रदीप केरकेट्टा व अन्य मौजूद थे़
औसतन 50 हजार रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति : कैंपस फ्रांस के अमिताभ दास ने कहा कि यदि एक्सआइएसएस फ्रांस के किसी विश्वविद्यालय से एमओयू कर लेता है, तो यहां के विद्यार्थियों की वहां कोई ट्यूशन फीस नहीं लगेगा. रहने की व्यवस्था विश्वविद्यालय करेगा़ सिर्फ भोजन का पैसा देना होगा, जिसके लिए भी छात्रवृत्ति का प्रावधान है़ मास्टर्स प्रोग्राम में प्रतिमाह 615 यूरो (50 हजार रुपये) की छात्रवृत्ति मिलती है़
700 यूरो (एक यूरो 80 रुपये के समतुल्य)लैपटॉप एलावंस मिलेगा़ स्कॉलरशिप वेवर के रूप में एकमुश्त 6100 यूरो की राशि भी दी जाती है़ सामाजिक सुरक्षा के तहत बीमारी, अस्पताल में भरती होने जैसे बातों का ध्यान रखा गया है़ 18 से 24 महीने का मास्टर्स कोर्स होता है, जिसमें छह महीने की पेड इंटर्नशिप भी होती है़ भारत से हर साल 4000 विद्यार्थी वहां अध्ययन के लिए जाते है़ं

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