गिरिडीह: सर पिता, भाई और चाचा मारपीट करते हैं. चचेरा व फुफेरा भाई भी छेड़खानी करता है. 21 वर्षीय युवती ने शनिवार को डीसी उमाशंकर सिंह के समक्ष आपबीती सुनायी तो हर कोई दंग रह गया. गिरिडीह नगर थाना क्षेत्र के आजाद नगर की इस युवती को पिछले तीन-चार वर्षों से इस कदर टॉर्चर किया जा रहा था कि वह घर में रहना नहीं चाहती. तीन दिन पूर्व भी परिवार की प्रताड़ना से तंग आकर वह घर छोड़कर हजारीबाग चली गयी.
जब इस बात की जानकारी आजाद नगर के मुखिया पति नूर आलम को हुई तो उन्होंने अंजुमन के सदर महबूब आलम, पप्पू, चांद व नवाब के सहयोग से युवती को वापस लाया. मुखिया पति ने मामले की जानकारी डीएसपी विजय आशीष कुजूर को दी. इसके बाद समाज के लोग शनिवार को युवती को लेकर डीसी उमाशंकर सिंह के पास पहुंचे. युवती ने बताया कि किस तरह उसके पिता, भाई और चाचा बर्बरतापूर्वक पीटते हैं. इस दौरान वह काफी डरी-सहमी हुई थी.
चचेरा व फुफेरा भाई करता है छेड़खानी
युवती ने इस बात का भी खुलासा किया के उसके साथ उसके पिता, भाई व चाचा मारपीट तो करते ही हैं, चचेरा व फुफेरा भाई छेड़खानी भी करते हैं. विरोध करने पर उसे बर्बरतापूर्वक पीटा भी जाता था. घर के लोगों को जब वह पूरी बात बताती थी, तो कोई सुनने को तैयार नहीं होता था. उल्टा उसी के साथ मारपीट की जाती थी.
आत्महत्या की कोशिश भी की थी :पिता व रिश्तेदारों की प्रताड़ना से तंग आकर युवती कई बार आत्महत्या का प्रयास भी कर चुकी है. गत 13 अक्तूबर को भी वह सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या करने की योजना बना रही थी. युवती बार अपना घर छोड़ चुकी है. कई बार तो समाज के लोगों ने उसे आश्रय दिया. समाज के लोगों ने युवती के परिजनों को समझाया भी, लेकिन वे युवती को ही मानसिक रूप से बीमार कहते हैं.
घरेलू हिंसा का मामला होगा दर्ज : एसडीओ नमिता कुमारी के नेतृत्व में गठित जांच टीम शनिवार को ही युवती के घर पहुंची. युवती की मां, उसके भाई-बहन व मुहल्ले के लोगों से भी जानकारी ली. युवती के आरोपी पिता, चाचा, चचेरा व फुफेरे भाई जांच टीम के सामने नहीं आये. युवती के पिता गिरिडीह से बाहर थे. एसडीओ नमिता कुमारी ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच-पड़ताल की गयी है. जांच में यह बात सामने आयी है कि युवती के साथ मारपीट की जाती थी और उसके रिश्तेदार छेड़खानी भी किया करते थे. जांच टीम ने घरेलू हिंसा के तहत मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
लड़की को पढ़ाना प्रशासन की जिम्मेवारी : डीसी
डीसी को आपबीती सुनाने के बाद पीड़िता ने कहा कि वह घर नहीं जाना चाहती है. उसने आगे की पढ़ाई की इच्छा जतायी. युवती दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई कर चुकी है. इसके बाद डीसी ने कहा कि लड़की को पढ़ाना अब प्रशासन की जिम्मेवारी है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी बरेलिया को निर्देश दिया कि लड़की का नामांकन स्कूल में करा कर उसे आवासीय सुविधा तुरंत उपलब्ध करायी जाये.