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खदानों को दें 11 जनवरी 2017 तक सशर्त लीज

रांची : एमएमडीआर (अमेंडमेंट) बिल 2015 के तहत राज्य में लीज के लिए लंबित खदानों का लीज 11 जनवरी 2017 तक सशर्त देने का निर्देश केंद्रीय खान सचिव बलविंदर कुमार ने दिया है. केंद्रीय खान सचिव शुक्रवार को झारखंड के खान सचिव समेत देश के अन्य राज्यों के खान सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के […]

रांची : एमएमडीआर (अमेंडमेंट) बिल 2015 के तहत राज्य में लीज के लिए लंबित खदानों का लीज 11 जनवरी 2017 तक सशर्त देने का निर्देश केंद्रीय खान सचिव बलविंदर कुमार ने दिया है. केंद्रीय खान सचिव शुक्रवार को झारखंड के खान सचिव समेत देश के अन्य राज्यों के खान सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत कर रहे थे.

वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान एमएमडीआर (अमेंडमेंट) बिल 2015 की धारा 10 ए 2 सी के तहत वैसे लौह अयस्क या अन्य खदान जो आवंटित हो चुके हैं पर लीज नहीं मिला है, इस पर चर्चा की गयी. कहा गया कि यदि 11 जनवरी 2017 तक इन्हें लीज नहीं मिला, तो लीज लैप्स हो जायेगा. राज्यों की ओर से बताया गया कि वन एवं पर्यावरण क्लीयरेंस न मिलने की वजह से लीज नहीं दिया जा सका है. केंद्रीय खान सचिव द्वारा कहा गया कि ऐसे खदान जिन्हें अब तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिला है, उन्हें इस शर्त्त पर लीज दे दिया जाये कि वे खनन नहीं करेंगे.

झारखंड के खान सचिव सुनील बर्णवाल की ओर से कहा गया कि आइसीएफएआर की रिपोर्ट आने के बाद सारंडा में खनन की क्षमता कम कर दी गयी है, ऐसे में भी लीज में परेशानी आयेगी. केंद्र की ओर से कहा गया कि फिलहाल लीज पर राज्य सरकार ध्यान दें, ताकि लैप्स न हो. चूंकि एक्ट के अनुसार दो वर्षों में लीज कर देना था, नहीं तो स्वत: लीज रद्द हो जायेगा. ऐसे में दोबारा प्रक्रिया आरंभ करने में विलंब होगा. राज्य की ओर से भी आग्रह किया गया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय क्लीयरेंस देने में विलंब न करें. राज्य सरकार लीज की प्रक्रिया आरंभ कर चुकी है.
20 खदानों का लीज लंबित
झारखंड में लगभग 20 लौह अयस्क एवं मैंगनीज के खदानों का लीज किसी न किसी कारण से लंबित हैं. इसमें आर्सेलर मित्तल, जेएसडब्ल्यू, इलेक्ट्रोस्टील, जेएसपीएल, एस्सार जैसी कंपनियों के खदानों का लीज लंबित है.

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