उल्लेखनीय है कि टीपीसी के उग्रवादी पिछले कई सालों से आम्रपाली कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टरों से 265 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली कर रहे थे. इस अवैध वसूली से नेताओं और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी हिस्सा मिलता था. इस कारण उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं करती थी. पिछले साल वसूली के बारे में मीडिया में खबरें आने के बाद पुलिस ने कुछ कार्रवाई की. इसी दौरान विनोद गंझू के घर से पुलिस ने 91.75 लाख व प्रदीप राम के घर से 57.57 लाख रुपये बरामद किये थे. हाइकोर्ट में विनोद गंझू ने जमानत याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान उसके घर से बरामद 91.75 लाख रुपये के बारे में उसने बताया कि वेदांता इंटरप्राइजेज ने 51 लाख रुपये दिये थे. शेष रकम जमीन मालिकों को देने के लिए मिली थी. अदालत ने इस तर्क को संदेहास्पद मानते हुए इडी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था. जिसके बाद पुलिस ने पहले विनोद गंझू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, फिर अन्य 13 उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
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आम्रपाली: कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टरों से करते थे वसूली, इडी ने शुरू की कार्रवाई आठ खाते सील किये गये
रांची: चतरा के टंडवा में आम्रपाली कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टरों से वसूली कर अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में इंफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (इडी) ने खाते सील (फ्रीज) करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. टंडवा के विभिन्न बैंकों मेें खुले आठ खातों को सील कर दिया गया है. इसमें परमेश्वर गंझु के नाम से तीन, […]
रांची: चतरा के टंडवा में आम्रपाली कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टरों से वसूली कर अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में इंफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (इडी) ने खाते सील (फ्रीज) करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. टंडवा के विभिन्न बैंकों मेें खुले आठ खातों को सील कर दिया गया है. इसमें परमेश्वर गंझु के नाम से तीन, उनकी पत्नी के नाम से दो और अर्जुन गंझु के नाम के तीन खाते शामिल हैं. इसके साथ ही इडी ने टंडवा और चतरा के बैंकों के मैनेजरों को पत्र लिख कर 13 टीपीसी उग्रवादियों और उनकी पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के खातों के बारे में जानकारी मांगी है, ताकि उन खातों को भी फ्रीज करने की कार्रवाई शुरू की जा सके.
उल्लेखनीय है कि टीपीसी के उग्रवादी पिछले कई सालों से आम्रपाली कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टरों से 265 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध वसूली कर रहे थे. इस अवैध वसूली से नेताओं और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को भी हिस्सा मिलता था. इस कारण उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं करती थी. पिछले साल वसूली के बारे में मीडिया में खबरें आने के बाद पुलिस ने कुछ कार्रवाई की. इसी दौरान विनोद गंझू के घर से पुलिस ने 91.75 लाख व प्रदीप राम के घर से 57.57 लाख रुपये बरामद किये थे. हाइकोर्ट में विनोद गंझू ने जमानत याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान उसके घर से बरामद 91.75 लाख रुपये के बारे में उसने बताया कि वेदांता इंटरप्राइजेज ने 51 लाख रुपये दिये थे. शेष रकम जमीन मालिकों को देने के लिए मिली थी. अदालत ने इस तर्क को संदेहास्पद मानते हुए इडी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था. जिसके बाद पुलिस ने पहले विनोद गंझू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, फिर अन्य 13 उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
टीपीसी के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू पर पहले कार्रवाई नहीं की, अब 10 लाख इनाम
टीपीसी के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू समेत अन्य उग्रवादियों के खिलाफ पिछले कई सालों से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. वांटेड रहते हुए उसने पंचायत चुनाव में नामांकन किया. जीता भी और जीत का सर्टिफिकेट भी ले लिया. बाद में मीडिया में खबरें आने के बाद प्रशासन ने उसके निर्वाचन को रद्द किया. अवैध वसूली की जांच भी कभी पुलिस ने गंभीरता से नहीं की. इधर, जब मामले में हाइकोर्ट ने इडी को जांच करने का आदेश दिया, तब पुलिस मुख्यालय ने सरकार को एक प्रस्ताव भेज कर ब्रजेश गंझू के खिलाफ इनाम की घोषणा करा दी है. सरकार ने उसके खिलाफ 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. हालांकि ऐसे उग्रवादी पर समय रहते कार्रवाई नहीं करनेवाले पुलिस पदाधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
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