सुनवाई के दाैरान कोर्ट नंबर-एक खचाखच भरा हुआ था. कार्यकाल के अंतिम दिन चीफ जस्टिस भावुक दिखे. उन्होंने अधिवक्ताअों से लगभग आधे घंटे तक बात कर अपने अनुभव बताये. चीफ जस्टिस ने कहा कि मामलों के निष्पादन के मामले में झारखंड हाइकोर्ट देश के अन्य हाइकोर्ट से बेहतर है. अधिवक्ताअों की तरफ से काफी सहयोग मिला.
चीफ जस्टिस ने शायरी सुनाते हुए कहा कि बात जब उसूलों की हो, तो तकरार होना जरूरी है. जिंदादिल है, तो जिंदा नजर आना जरूरी है. वहीं अधिवक्ता भी कोर्ट में खड़े होकर अपनी भावना व्यक्त कर रहे थे. वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने कहा कि संवेदनशील चीफ जस्टिस के रूप में वीरेंदर सिंह हमेशा याद किये जायेंगे. महाधिवक्ता विनोद पोद्दार, वरीय अधिवक्ता मो सुहैल अनवर सहित कई अधिवक्ताअों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.