इनमें बिजली समेत इंटरनेट की सुविधाएं भी सरकार की तरफ से उपलब्ध करायी जायेगी. स्मार्ट क्लास बनाने का सरकार का उद्देश्य राज्य के कुछ विद्यालयों को निजी स्कूलों की तरह विकसित करना है, जहां के बच्चों को हर तरह की शिक्षा दी जा सके. जिन विद्यालयों में बिजली नहीं है, वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जायेगी. 42 महीने में कंपनियों को पहला चरण पूरा करना है. इसमें विद्यालयों की कक्षाओं के लिए लाइव लेक्चर भी कंपनियों को प्रस्तुत करना होगा. इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की तरफ से स्मार्ट क्लास स्टूडियो भी बनवाया जायेगा.
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4400 पंचायतों के सभी सरकारी स्कूल बनेंगे स्मार्ट
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य की 4400 पंचायतों से जुड़े सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने का निर्णय लिया है. डिजिटल लाइव स्मार्ट क्लास के जरिये स्कूल के बच्चों को कंप्यूटर, वीडियो प्रोजेक्टर और स्पीकर के जरिये कक्षाओं में संबंधित विषयों की जानकारी दी जायेगी. कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को इससे जोड़ा […]
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य की 4400 पंचायतों से जुड़े सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने का निर्णय लिया है. डिजिटल लाइव स्मार्ट क्लास के जरिये स्कूल के बच्चों को कंप्यूटर, वीडियो प्रोजेक्टर और स्पीकर के जरिये कक्षाओं में संबंधित विषयों की जानकारी दी जायेगी.
कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के बच्चों को इससे जोड़ा जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इसको लेकर सूचना प्रोद्योगिकी विभाग के साथ समझौता किया गया है. जानकारी के अनुसार जैप आइटी द्वारा इसको लेकर कंपनियों से आवेदन मांगा गया है. कंपनियों से तकनीकी आवेदन के साथ-साथ स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने में होनेवाले खर्च का ब्योरा भी मांगा गया है. राज्य भर में 40 हजार से अधिक सरकारी विद्यालय हैं. पहले चरण में 4400 स्कूलों का चयन किया गया है.
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