रांची: चीन में सरकारी नीतियों को प्रभावकारी ढंग से लागू किया जाता है. वहां के आर्थिक विकास इसका महत्वपूर्ण योगदान है. केंद्रीय विश्वविद्यालय में गुरुवार से द नेक्स्ट लीप : एक्सप्लोरिंग न्यू पैराडाइम इन बिजनेस विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मेलबोर्न विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल इकोनोमी के प्रोफेसर डॉ प्रदीप तनेजा ने उक्त बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि चीन में सरकारी नीतियों को तेजी से क्रियान्वित करने की मुहिम शुरू की गयी है. इससे वहां कई क्षेत्रों में कामयाबी भी मिली. भारत में नीति निर्धारकों ने सरकारी नीतियों को आम लोगों तक पहुंचाने में उतनी दिलचस्पी नहीं ली, जितना कि चीन के शासकों ने लिया.
ऑकलैंड विश्वविद्यालय के प्रो संजय एस गौर ने कहा कि ग्लोबल वित्तीय संकट से कोई भी देश अछूता नहीं रहा है. आर्थिक विकास के लिए सामाजिक फैक्टर भी काम करते हैं. प्रबंधन के छात्रों को बदलते परिवेश के अनुसार स्वयं को ढालना होगा. ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के दक्षिण एशिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष डॉ हर्षित बी जोशीपुरा, मेकन के निदेशक तकनीक सुबीर चट्टोपाध्याय, प्रो एके शर्मा, प्रो नेहा कौर और प्रो एस घोष ने भी कार्यशाला में अपने विचार रखे. प्रो टी घोषाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया.