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केंद्र से अब तक नहीं मिले “650 करोड़
रांची : केंद्र सरकार की ओर से एआइबीपी (एक्सलेरेटेड इरिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम) के तहत राज्य सरकार को 650 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं. सरकार ने इस राशि से चालू वित्तीय वर्ष के दौरान स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना का काम करने का लक्ष्य तय किया था. आधा वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बावजूद केंद्र से […]
रांची : केंद्र सरकार की ओर से एआइबीपी (एक्सलेरेटेड इरिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम) के तहत राज्य सरकार को 650 करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिले हैं. सरकार ने इस राशि से चालू वित्तीय वर्ष के दौरान स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना का काम करने का लक्ष्य तय किया था. आधा वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बावजूद केंद्र से पैसा नहीं मिलने की वजह से इस परियोजना में और देर होने की आशंका है.
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2010-11 में स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को एआइबीपी में शामिल करने का फैसला किया था. एआइबीपी के तहत शामिल परियोजनाओं को केंद्र सरकार से अनुदान मिलता है. एआइबीपी में पहले 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार की भागीदारी होती थी. बाद में केंद्र सरकार ने फंडिंग पैटर्न बदल कर 90:10 के बदले 75:25 कर दिया.
केंद्र ने दूसरी बार फंडिंग पैटर्न में तब्दीली करते हुए इसे 60:40 कर दिया है. इसके तहत योजना पर किये जानेवाले खर्च का 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी. शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करेगी. एआइबीपी के इस फंडिंग पैटर्न के तहत राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्र से 650 करोड़ रुपये मिलना था. पर केंद्र सरकार द्वारा इस मद में कम राशि का प्रावधान किये जाने की वजह से राज्य को अब तक एक भी पैसा नहीं मिला है.
बताया जाता है कि केंद्र ने नाबार्ड से कर्ज लेने के बाद राज्य को इस मद में पैसा देने की बात कही है. इससे चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पैसा मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है. केंद्र सरकार ने राज्य की छह सिंचाई परियोजनाओं को एआइबीपी से बाहर भी कर दिया है. इन परियोजनाओं में गुमानी बराज, अपर शंख, पंचखेर, सोनुआ, सुरंगी और कंसजोर जलाशय योजना शामिल हैं.
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