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खुशखबरी: 33 हजार मछुअारों को मिलेंगे पक्के आवास

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गांवों की गरीबी मिटाने के लिए कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन, गो पालन, बकरी पालन व अन्य गैर कृषि कार्य करना ही होगा. रोजगार व आय के ऐसे ही साधनों से हम गरीबी को नेस्तनाबूद कर देंगे. गरीबी मिटाने के लिए सरकार अपनी तिजोरी खोल देगी. अगले दो […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गांवों की गरीबी मिटाने के लिए कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन, गो पालन, बकरी पालन व अन्य गैर कृषि कार्य करना ही होगा. रोजगार व आय के ऐसे ही साधनों से हम गरीबी को नेस्तनाबूद कर देंगे. गरीबी मिटाने के लिए सरकार अपनी तिजोरी खोल देगी.
अगले दो वर्षों में हम मछली का निर्यात करेंगे : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मछली की कुल जरूरत 1.40 लाख टन है. वहीं अभी हम 1.16 लाख टन मछली उत्पादन कर रहे हैं. अाने वाले एक-दो वर्षों में हम मछली का निर्यात कर सकेंगे. सरकार मत्स्य निर्यात के लिए दो माह के अंदर फेडरेशन का गठन करेगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ मत्स्य किसानों को प्रतिकात्मक (सिंबोलिक) रूप से पिक अप वैन, मछली बिक्री का ठेला, बीमा राशि का चेक, जाल, मछली पालन किट व मोटरसाइकिल का वितरण किया.
कृषि बजट ने हमारे विकास में बड़ा रोल अदा किया : कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्री रंधीर कुमार सिंह ने कहा कि इस बार के कृषि बजट ने हमारे विकास में बड़ा रोल अदा किया है. कुल बने डोभों में से 70 हजार डोभा में मछली पालन किया जा रहा है. सरकार ने आगे 4.5 लाख अौर डोभा निर्माण का लक्ष्य तैयार किया है. उन्होंने बताया कि विभाग ने इस वर्ष कुल लक्ष्य 425 करोड़ के विरुद्ध 403 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में विभाग हेचरी पर नौ करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग कृषि व इससे जुड़ी योजनाअों के लिए राज्य के सौ प्रखंडों में सिंगल विंडो सेंटर खोलेगा.
कृषि से जुड़े कार्यों से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी : मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि कृषि तथा मत्स्य, गो व बकरी पालन जैसे कृषि से जुड़े कार्यों से ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. एक फसली खेती के अलावा हमें गैर कृषि गतिविधि बढ़ानी होगी. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि का योगदान 4.6 फीसदी है. वहीं इसका 1.6 फीसदी भाग मत्स्य उत्पादन का है. अपने राज्य में जो 1.16 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ है, उससे राज्य की जीडीपी में 1300 करोड़ रुपये जुड़े हैं. राजबाला ने कहा कि अगले बजट में हर प्रखंड में मत्स्य हेचरी के लिए बजटीय प्रावधान किया जायेगा. सरकार राज्य में बहने वाली विभिन्न नदियों के एक हजार जगहों पर रिवेराइन फिश फार्मिंग करेगी. विकास आयुक्त अमित खरे ने अपने संबोधन में इस उपलब्धि के लिए विभाग को बधाई दी. उन्होंने कहा कि कृषि बजट (13 फीसदी) का सदुपयोग किया गया है.
मत्स्य बीज का भी निर्यात करेंगे हम : कृषि, पशुपालन व सहकारिता सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि पहले मत्स्य बीज की उपलब्धता एक समस्या थी, पर अब हम इसका निर्यात करने की स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा कि मत्स्य मित्र की कल्पना पूर्व में विभागीय सचिव रही तथा अभी की मुख्य सचिव राजबाला ने की थी. अाज उनकी कल्पना एक आकार ले चुकी है. इससे पहले विभाग की विशेष सचिव पूजा सिंघल ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों का अौपचारिक स्वागत किया. इस अवसर पर मत्स्य पालन से संबंधित एक बुकलेट का विमोचन भी हुआ. वहीं पांच मत्स्य किसानों ने मुख्यमंत्री को 10 किलो से अधिक की कतला व अन्य प्रजाति की मछली दिखायी. कार्यक्रम में मत्स्य निदेशक राजीव कुमार व अन्य पदाधिकारियों सहित राज्य भर से आये मत्स्य मित्र व मत्स्य किसान उपस्थित थे.
सरकारी स्कूल की असलियत : सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का स्तर तो सभी जानते हैं. पर सरकार के समक्ष यही बात कहना उसे असहज बनाना है. दरअसल अपनी सफलता की कहानी सुनाने के क्रम में खूंटी की आश्रिता व अन्य ने कहा कि वे पहले अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते थे. पर मछली पालन कर वह उन्हें प्राइवेट स्कूलों में अच्छी शिक्षा दे रहे हैं. जब-जब यह बात कही गयी मंच पर बैठे लोग एक दूसरे को देखते हुए ताली बजाते थे.

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