रांची : कृषि विभाग ने हेहल स्थित प्रसार प्रशिक्षण केंद्र (इटीसी) के दस्तावेज की मांग बिहार से की है. विभाग ने बिहार सरकार को पत्र लिख कर जमीन के कागजात उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. राज्य सरकार इस प्रशिक्षण केंद्र को भारत सरकार के एक संस्थान को देने की तैयारी कर रही है.
इस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना 1954 में हुई थी. इसके लिए संयुक्त बिहार के समय 34.62 एकड़ का कैंपस तैयार किया गया था. इसमें पांच एकड़ जमीन अधिग्रहित है, जिसके दस्तावेज राज्य के अंचल कार्यालय में हैं. शेष जमीन के दस्तावेज यहां उपलब्ध नहीं हैं. इस कारण कृषि विभाग ने बिहार सरकार के कृषि विभाग को पत्र लिख कर जमीन संबंधी दस्तावेज देने का आग्रह किया है. संयुक्त बिहार के समय पूरे राज्य में चार प्रशिक्षण केंद्र था. वर्तमान झारखंड वाले इलाके में केवल यही प्रशिक्षण केंद्र था. 1985 में इसमें से पांच एकड़ जमीन ग्रामीण विकास विभाग को दे दी गयी है. यहां सर्ड की स्थापना की गयी है.
उच्च स्तरीय टीम कर चुकी है दौरा : इस कैंपस का दौरा करीब एक माह पहले भारत सरकार के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की एक उच्च स्तरीय टीम कर चुकी है. दौरा के क्रम में उन्होंने इटीसी प्रशासन से भी बात की थी. बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा था कि संस्थान के लिए करीब 20 एकड़ खाली जमीन चाहिए. कैंपस में चले रहे संस्थानों की जानकारी भी उन्होंने ली थी.
संस्थान के विकास की है योजना : इटीसी के प्राचार्य एसबी अग्रवाल ने कहा कि इस संस्थान के विकास की योजना है. कृषि व उनसे जुड़े अन्य विभागों के प्रमुखों को पत्र लिखा गया है. उनसे आग्रह किया गया है कि अपने यहां के अधिकारी और कर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था यहां करें. उद्यान विभाग ने दो प्रशिक्षण का आयोजन भी किया है. यहां शिक्षकों के कुल सात पद स्वीकृत हैं. चार पद सुपरवाइजर के हैं.