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बंद हो पॉलिथीन तो खुलेंगे रोजगार के नये अवसर
रांची. पर्यावरण के दुश्मन पॉलिथीन का उपयोग बंद करने पर रोजगार के नये द्वार खुलेंगे. पॉलिथीन के उत्पादन में मानव श्रम का कम और मशीनों का उपयोग ज्यादा होता है. उत्पादन में प्रदूषण भी अलग से उत्पन्न होता है. दूसरी ओर पॉलिथीन के विकल्प कई श्रेणियों में रोजगार पैदा कर सकते हैं. पॉलिथीन पर लगा […]
रांची. पर्यावरण के दुश्मन पॉलिथीन का उपयोग बंद करने पर रोजगार के नये द्वार खुलेंगे. पॉलिथीन के उत्पादन में मानव श्रम का कम और मशीनों का उपयोग ज्यादा होता है. उत्पादन में प्रदूषण भी अलग से उत्पन्न होता है. दूसरी ओर पॉलिथीन के विकल्प कई श्रेणियों में रोजगार पैदा कर सकते हैं. पॉलिथीन पर लगा प्रतिबंध कठोरता से लागू हो, तो कभी जूट उत्पादन में दुनिया का सिरमौर रहा भारत फिर से बुलंदियों पर पहुंच सकता है. लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे. पॉलिथीन पर प्रतिबंध का कठोरता से अनुपालन हो तो, घर में बैठ कर तैयार किये जानेवाले बेकार कागज के लिफाफे व ठोेंगों को भी बड़ा बाजार दिया जा सकता है.
क्या है पॉलिथीन का विकल्प : कागज दुनिया भर में पॉलिथीन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. जूट और कपड़ा भी पॉलिथीन का बेहतर विकल्प है. बड़ी कंपनियां ऐसे ही इको-फ्रेेंडली झोले में अपने ग्राहकों को सामान उपलब्ध करा रही हैं. खाद्य सामग्री रखने के लिए सिल्वर फ्वाइल का प्रयोग होने लगा है. पिज्जा हट से लेकर निरूलाज और मैकडोनाल्ड जैसे चेन रेस्तरां में पॉलिथीन का प्रयोग बंद हो चुका है. सिल्वर फ्वाइल और कागज के डिब्बे का उपयोग खाद्य सामग्री पैक करने के लिए किया जाता है.
घरेलू महिलाओं को मिल सकता है स्वरोजगार
पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगने के बाद ठोंगा या लिफाफा निर्माण का काम स्वरोजगार का अच्छा माध्यम बन सकता है. घर बैठे रद्दी कागज और आटे की लाई के प्रयोग से ठोंगा तैयार किया जा सकता है. विस्तृत बाजार मिलने पर घरों की महिलाएं भी यह काम आराम से कर सकती हैं. इसके अलावा कागज के डिब्बे भी घरों में सहज ही तैयार किये जा सकते हैं. अभी भी राजधानी रांची समेत अन्य शहरों में ठोंगा और कागज के डिब्बे बनाने का काम घरेलू महिलाएं कर रही हैं.
जूट उद्योग को मिल सकता है जीवनदान
पॉलिथीन के विकल्प के रूप में दुनिया भर में जूट के थैलों का इस्तेमाल किया जाता है. पॉलिथीन पर प्रतिबंध से मृतप्राय हो चुके जूट उद्योग में नयी जान आ सकती है. जूट उद्योग में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं . बड़े पैमाने पर जूट की मांग से किसान और मजदूर वर्ग को लाभ हो सकता है.
हमें बतायें
यदि अपने संस्थान, प्रतिष्ठान, स्कूल, कॉलेज, साेसाइटी, घर काे पॉलिथीन फ्री किया है, ताे हमें बतायें. आपकी बातें हम पाठकाें तक पहुंचायेंगे, ताकि वह भी इससे प्रेरणा लेकर मुहिम में शामिल हाें. पॉलिथीन के खिलाफ काेई मुहिम भी चलाते हैं, ताे इसका भी ब्याेरा हमें भेजें. आप अपना ब्याेरा मेल आइडी vivek.chandra@prabhatkhabar.in पर भेजें.
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