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नहीं मिल रही दवा, जिंदगी के लिए जूझ रही है सबरा
रांची : विल्सन की दवा नहीं मिलने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी है. खोजने से भी विल्सन की दवा पेनीसिलामाइन नहीं मिल रही है. दवा के अभाव के कारण मरीजों की स्थिति बिगड़ रही है. चतरा निवासी अब्दुल हफिज की बेटी सबरा खातून (25 वर्ष) जिंदगी के लिए जूझ रही है. पिता बेटी की […]
रांची : विल्सन की दवा नहीं मिलने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी है. खोजने से भी विल्सन की दवा पेनीसिलामाइन नहीं मिल रही है. दवा के अभाव के कारण मरीजों की स्थिति बिगड़ रही है. चतरा निवासी अब्दुल हफिज की बेटी सबरा खातून (25 वर्ष) जिंदगी के लिए जूझ रही है. पिता बेटी की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. दो माह से दवा बंद होने के कारण बेटी को लेकर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं, लेकिन दवा नहीं मिलने के कारण डॉक्टर भी विवश हैं. अब्दुज हाफिज ने बताया कि अब वह बेटी को लेकर दवा उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं, ताकि दवा उपलब्ध हो सके.
पिछले एक सप्ताह से नहीं मिल रही है सबा को दवा : डाेरंडा निवासी सबा विल्सन की बीमारी से पिछले एक साल से पीड़ित है. सबा का इलाज रिम्स के फिजिसियन डॉ डीके झा की देखरेख में चल रहा है. उसकी बड़ी बहन ने बताया कि जब सबा 11वीं में पढ़ रही थी, तो बीमारी की चपेट में आ गयी. शिक्षकों ने बताया कि वह चलते हुए लड़खड़ाती है. हाथ कांपता है. इसके बाद उसे इलाज के लिए डॉ झा के पास लेकर आये. दवा शुरू होने पर उसकी हालत में काफी सुधार हुआ. वह पानी पीने लगी. लड़खड़ाना थोड़ा कम हुआ, लेकिन पिछले एक सप्ताह से दवा बंद है. इस कारण उसकी स्थिति लगातार बिगड़ रही है.
सरकार चाहे, तो मिल सकती है दवा : विल्सन बीमारी से पीड़ित दोनों परिवार के सदस्यों ने बताया कि सरकार चाहेगी, तो दवा मिल सकती है. अब हमारी बच्चियों की जिंदगी सरकार के प्रयास पर टिकी है.
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