रांची. मुंगली देवी ने महालेखाकार को आवेदन देकर पारिवारिक पेंशन के आवेदन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. महालेखाकार ने उनके पहले आवेदन को अस्वीकार कर दिया था. इसके लिए महालेखाकार की ओर से यह तर्क दिया था कि उनके पति ने अपनी सेवा पुस्तिका में पत्नी का नाम नहीं लिखा था. इसलिए उन्हें पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
मुंगली देवी के पति मंगल सिंह मुंडा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी थे. सेवानिवृत्ति के बाद महालेखाकार द्वारा जारी पेंशन अधिकार पत्र के आधार पर पेंशन का भुगतान किया जा रहा था. 10 साल पहले पति की मौत के बाद नियमानुसार उन्हें पारिवारिक पेंशन मिलनी चाहिए थी. पर उन्हें पेंशन नहीं मिली.
इसलिए उन्होंने महालेखाकार से पारिवारिक पेंशन देने के लिए अधिकार पत्र जारी करने का अनुरोध किया था. उनके पत्र के आधार पर महालेखाकार ने स्वास्थ्य विभाग से इस सिलसिले में विस्तृत जानकारी मांगी थी. विभाग ने महालेखाकार को सूचित किया कि मंगल सिंह मुंडा ने अपनी सेवा पुस्तिका में पत्नी का नाम नहीं लिखा था. इसके बाद मुंगली देवी ने पत्नी होने से संबंधित प्रमाण पत्र जुटा कर महालेखाकार के पास आवेदन देकर इस पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है.