यह बात हमेशा याद रखें. जनता के सामने अफसर नहीं बनें. जनता का काम करें. कोर्ट के आदेश का प्रभावी तरीके से अनुपालन करें. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने रिम्स, एमजीएम व पीएमसीएच सहित अन्य अस्पतालों के सिपेज को तुरंत ठीक करने का निर्देश देते हुए सरकार को दो सप्ताह के भीतर प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. सुनवाई के दाैरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के विद्यासागर व भवन निर्माण विभाग के सचिव केके सोन उपस्थित थे.
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दो टूक: अधिकारियों की कार्यशैली पर हाइकोर्ट नाराज, कहा अधिकारी जनता के नाैकर हैं, याद रखें
रांची:झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को रिम्स, एमजीएम व पीएमसीएच में सिपेज, जलजमाव तथा अस्पतालों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जतायी. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी एसी चेंबर में बैठते हैं, तो राज्य के आम लोगों के बारे में भी सोचें. आधा घंटा […]
रांची:झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को रिम्स, एमजीएम व पीएमसीएच में सिपेज, जलजमाव तथा अस्पतालों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने काे लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जतायी. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी एसी चेंबर में बैठते हैं, तो राज्य के आम लोगों के बारे में भी सोचें. आधा घंटा बिजली कट जाती है, तो हमलोग परेशान हो जाते हैं. बरदाश्त नहीं कर पाते हैं. उन गरीबों के बारे में भी सोचें, जो समस्याअों से जूझते हैं. उनकी सेवा कर दुआएं लें. आप (अधिकारी) जनता के नाैकर (पब्लिक सर्वेंट) हैं.
इससे पूर्व भवन निर्माण विभाग के सचिव की अोर से बताया गया कि सिपेज ठीक करने के लिए रांची, धनबाद व जमशेदपुर के उपायुक्तों को राशि आवंटित कर दी गयी है. कार्य शीघ्र शुरू हो जायेगा. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की अोर से बताया गया कि पीएमसीएच में 30 बेड का प्रसूति वार्ड बनाया जायेगा. तीन माह के अंदर कार्य शुरू हो जायेगा. खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान से दर्ज एक अन्य जनहित याचिका पर राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने काे कहा़ भवन निर्माण विभाग से पूछा कि राज्य में कितने सीएचसी, पीएचसी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण हो गया है. कितने अधूरे हैं आैर उनका कब तक निर्माण कार्य पूरा होगा़ वहीं, स्वास्थ्य विभाग से पूछा कि जो स्वास्थ्य केंद्र विभाग को हैंडअोवर कर दिया गया है, वह अॉपरेशनल हुआ है या नहीं़ इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी.
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