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रांची में दखल दिहानी के खिलाफ हुआ महाजुटान, नेताओं ने कहा…
रांची : रांची में दखल दिहानी के खिलाफ न्यू मधुकम (साई कॉलोनी विहार) में रविवार को राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, विद्यार्थी और महिलाओं सहित आम लोगों का महाजुटान हुआ. सभी ने एकजुटता का परिचय देते हुए संकल्प लिया कि अब एक भी व्यक्ति को बेघर नहीं होने देंगे. मौके पर आयोजित सभा […]
रांची : रांची में दखल दिहानी के खिलाफ न्यू मधुकम (साई कॉलोनी विहार) में रविवार को राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी, विद्यार्थी और महिलाओं सहित आम लोगों का महाजुटान हुआ. सभी ने एकजुटता का परिचय देते हुए संकल्प लिया कि अब एक भी व्यक्ति को बेघर नहीं होने देंगे.
मौके पर आयोजित सभा में दखल दिहानी के खिलाफ आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया गया. नेताओं ने कहा कि दखल-दिहानी से एक भी गरीब बेघर हुआ, तो राजधानी को ठप कर दिया जायेगा. सभा में गंगा नगर, यमुना नगर, श्रीनगर, कृष्णा नगर, न्यू मधुकम, वृंदावन नगर, चूना भट्ठा, विश्वकर्मा नगर आदि इलाकों से बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पहुंचे.
सभा के दौरान प्रशासन की ओर से 250 लोगों पर की गयी प्राथमिकी को खत्म करने की मांग की गयी. तय किया गया कि प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ लड़ाई लड़ी जायेगी. जरूरत होने पर राजभवन का घेराव भी किया जायेगा. सभा में मजदूर नेता उदय शंकर अोझा ने कहा कि केवल रांची में तीन लाख लोगों को बेघर करने की साजिश हो रही है. हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. सरकार और प्रशासन इस आंदोलन को दबाने का पूरा प्रयास करेंगे. ऐसे में लाठी खाने, केस-मुकदमा झेलने और जेल जाने के लिए तैयार रहें. भाजपा की वरिष्ठ नेता सीमा शर्मा ने कहा कि सरकार और प्रशासन ने इस मामले को समझा है.
सभी निश्चिंत होकर शांति से रहें. हमारा उद्देश्य घर बचाना है. इसलिए किसी तरह की राजनीति में न आयें. पूर्व डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि गरीबों की जमीन इस तरह से छीनना, कहीं से भी उचित नहीं है. हमारी मांग है कि सरकार इन गरीबों की भी सुने.
किसने क्या कहा
रैयत को काेई दिक्कत नहीं है, उन्हें जमीन की जरूरत नहीं है. कोर्ट के आदेश पर वे मुआवजा भी ले चुके हैं. ऐसे में वापस उनको जमीन देने के लिए सरकार क्यों तुली हुई है. -विनय सिन्हा दीपू , कांग्रेस
मामले को लेकर जन आंदोलन होगा. यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है और न ही हम राजनीति करने आये हैं. यह गरीबों का साथ देनेवाला आंदोलन है. – कैलाश यादव, राजद
नहीं होगी राजनीति, मिल कर लड़ेंगे, जान देंगे, जमीन नहीं
मुख्यमंत्री खुद मजदूर से यहां तक पहुंचे हैं. ऐसे में उन्हें जनता के मन की बात समझनी चाहिए. आदिवासी भाइयों ने सामने आकर कहा कि उन्होंने जमीन बेची थी, उन्हें दखल-दिहानी नहीं चाहिए. उदय शंकर ओझा, मजदूर नेता
दखल-दिहानी नहीं होगी. छोटे मामलों में कार्रवाई नहीं होगी. मुख्यमंत्री से बात हुई है. कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं होगा. इसके लिए प्रशासन को भी कह दिया गया है. सीमा शर्मा, भाजपा
एक गरीब की जमीन को दूसरे गरीब ने खरीदी है. राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का पालन हो, इसका वे समर्थन करते हैं. पर गरीबों की जमीन छीनना कहीं से भी उचित नहीं है.
अजय नाथ शाहदेव, भाजपा
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