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चाहे जान चली जाये, हम जमीन नहीं देंगे

साईं विहार कॉलोनी में दखल-दिहानी के प्रभावितों का महाजुटान, सरकार को कोसा जिला प्रशासन के दखल-दिहानी अभियान से गंगानगर, यमुनानगर, विद्यानगर, साईं विहार कॉलोनी व उसके आसपास के लोग दहशत में हैं. रविवार को न्यू मधुकम (साईं विहार कॉलोनी) स्थित मैदान में ऐसे लोगों को महाजुटान हुआ, जो या तो दखल-दिहानी से प्रभावित हैं या […]

साईं विहार कॉलोनी में दखल-दिहानी के प्रभावितों का महाजुटान, सरकार को कोसा
जिला प्रशासन के दखल-दिहानी अभियान से गंगानगर, यमुनानगर, विद्यानगर, साईं विहार कॉलोनी व उसके आसपास के लोग दहशत में हैं. रविवार को न्यू मधुकम (साईं विहार कॉलोनी) स्थित मैदान में ऐसे लोगों को महाजुटान हुआ, जो या तो दखल-दिहानी से प्रभावित हैं या फिर उन पर इसकी तलवार लटक रही है.
इन लोगों का यह कहना था कि पाई-पाई जाेड़ कर किसी तरह से जमीन खरीदा है और घर बनाया. अब अचानक कहा जा रहा है कि जमीन छोड़ दो, घर खाली कर दो. हम अपने जीवन भर की पूंजी ऐसे कैसे किसी को सौंप देंगे? चाहे हमारी जान चली जाये, लेकिन हम अपनी जमीन और घर िकसी और के हवाले नहीं करेंगे.
रांची : न्यू मधुकम (साईं विहार कॉलोनी) स्थित मैदान में रविवार को आयोजित सभा करीब चार घंटे तक चली. इस दौरान कड़ी धूप थी. इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में गंगानगर, यमुना नगर, मधुवन विहार, स्वर्ण जयंती नगर, श्रीनगर, बढ़ई मुहल्ला, विश्वकर्मा नगर, न्यू मधुकम, चूना भट्ठा, महादेव नगर आदि मोहल्ले के लोग पहुंचे हुए थे. सभी ने सरकार आैर प्रशासन विरोधी नारे लगाये. इस सभा में महिलाअों की उपस्थिति काफी अधिक थी. यहां तक कि महिलाएं गोद में बच्चे लेकर भी पहुंचीं और कार्यक्रम समाप्ति के बाद ही हटीं.
लाेगाें का साथ देने आये हैं, भागने नहीं
सभा को संबोधित कर रहे मजदूर नेता उदय शंकर अोझा ने कहा है कि यदि दखल-दिहानी जद में आकर एक भी गरीब बेघर हुआ, तो राजधानी को ठप कर दिया जायेगा. उन्होंने लोगों को भरोसा दियाला कि वे उनके साथ हैं. कहा : मैं आप लोगों का साथ देने आया हूं, भागने नहीं. सरकार और प्रशासन दोनों इस आंदोलन को दबाने का पूरा प्रयास करेंगे.
ऐसे में लाठी खाने, केस-मुकदमा झेलने और जेल जाने के लिए तैयार रहें. श्री ओझा ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद मजदूर से यहां तक पहुंचे हैं. ऐसे में उन्हें यहां की जनता के मन की बात समझनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आदिवासी भाइयों ने सामने आकर कहा कि उन्होंने जमीन बेची थी, उन्हें दखल-दिहानी नहीं चाहिए. ये लोग सम्मान के हकदार हैं. लेकिन प्रशासन और सरकार इस मामले में राजनीति कर रहें हैं. केवल रांची में तीन लाख लोगों को बेघर करने की साजिश हो रही है.
यह मामला केवल इसी मोहल्ले का नहीं है, बल्कि चटकपुर, पंडरा, तिरिल, कमड़े सहित अन्य जगहों पर दखल दिहानी के नाम पर गरीबों को हटाने का प्रयास हो रहा है. श्री अोझा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम राजभवन का भी घेराव करेंगे. उन्होंने कहा कि आज दुख की घड़ी में सब अपने जन प्रतिनिधि को खोज रहे हैं. ऐसे में उन्हें सामने आना चाहिए. अपना घर ब चाने के लिए न्याय की गुहार लगानेवाले निरीह गरीब महिला, पुरुष और बच्चों को पीटा गया. 250 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. यह कहां का न्याय है?
निश्चिंत रहें, नहीं होगी दखल-दिहानी : सीमा शर्मा
मौके पर भाजपा की वरिष्ठ नेता सीमा शर्मा ने कहा कि दखल-दिहानी नहीं होगी. छोटे मामलों में कार्रवाई नहीं होगी. कल ही मुख्यमंत्री से बात हुई थी. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं होगा.
इसके लिए प्रशासन को भी कह दिया गया है. सभी निश्चिंत होकर शांति से रहें. हमारा उद्देश्य घर बचाना है. इसलिए किसी तरह की राजनीति में न आयें. ऐसी स्थिति पैदा न हो कि जिससे दिक्कतें हों. अगर जरूरत पड़ेगी, तो प्रतिनिधिमंडल बनाकर मुख्यमंत्री से भी मिल सकते हैं. ऐसी नौबत आयी, तो सीधे मुख्यमंत्री से संवाद होगा.
रांची को छेड़ा, तो पूरा राज्य प्रभावित होगा : कैलाश
राजद के प्रदेश महासचिव कैलाश यादव ने कहा कि इस मामले को लेकर जन आंदोलन होगा. यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है और न ही हम राजनीति करने आये हैं. यह गरीबों का साथ देनेवाला आंदोलन है. उन्होंने प्रशासन से कहा कि अगर रांची को छेड़ा जायेगा, तो पूरा राज्य प्रभावित होगा.
जीवन भर की कमाई से बनता है घर : पार्षद
वार्ड नंबर तीन के पार्षद अोम प्रकाश ने कहा कि गरीब जीवन भर की कमाई से घर बनाते हैं. पाई-पाई जोड़ कर एक-एक ईंट जोड़ते हैं. इसे सबको महसूस करना चाहिए. ऐसे में उनका घर छीनना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे मे उन्हें बेदखल नहीं करना चाहिए. हम सब इस आंदोलन में साथ हैं.
जमीन छीनना सही नहीं : अजय नाथ शाहदेव
पूर्व उप महापौर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि यह गरीबों का मामला है. इसमें एक गरीब की जमीन को दूसरे गरीब ने खरीदा है. राज्य में सीएनटी-एसपीटी एक्ट का पालन हो, इसका वे समर्थन करते हैं. परंतु गरीबों की जमीन इस तरह से छीनना कहीं से भी उचित नहीं है. हमारी मांग है कि सरकार इन गरीबों की भी सुने. कांग्रेस नेता विनय सिन्हा दीपू ने कहा कि जो रैयत हैं, उसको कोई दिक्कत नहीं है. उन्हें जमीन की जरूरत ही नहीं है, कोर्ट के आदेश पर वे मुआवजा भी ले चुके हैं. ऐसे में वापस उनको जमीन देने के लिए सरकार क्यों तुली हुई है?
जबरन जमीन दिलाने पर अड़ी है सरकार : दीपू
कांग्रेस नेता विनय सिन्हा दीपू ने कहा कि जो रैयत हैं, उन्हें अपनी जमीन की चिंता नहीं है. परंतु सरकार उन्हें जबरन जमीन दिलाने पर अड़ी हुई है. एसएआर काेर्ट के आदेश पर एेसे लाभुकों को मुआवजा भी दे दिया गया है. ऐसे में सरकार उन्हें जमीन देने पर क्यों अड़ी हुई है, यह समझ से परे है.
हिंदू जागरण मंच के लोग भी पहुंचे
सभा समाप्त होने के बाद मौके पर हिंदू जागरण मंच के लोग भी पहुंचे. मंच के रांची महानगर संयोजक सुजीत सिंह ने कहा कि सारे लोगों ने जमीन स्वेच्छा से बेची है. गरीबों ने पाई-पाई जोड़ कर पैसा दिया है. ऐसे में उन्हें घरों से हटाना ठीक नहीं है. इस मामले में हमारा मंच पूरी तरह इन लोगों के साथ है.
सभा स्थल पर सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक कार्यकर्ताअों ने एकजुटता दिखायी
नेता, समाजसेवी, कामकाजी, व्यापारियों ने आंदोलन का संकल्प लिया, जल्द बनेगी रूपरेखा
नेताओं ने लोगों को अपना फोन नंबर दिया, ताकि अप्रिय स्थिति में तत्काल सहायता पहुंच सके
सभा में आदिवासी रैयत भी पहुंचे और प्रभावितों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया
ये भी हुए शामिल : अनिल सिन्हा, केके गुप्ता, मनीकांत झा, योगेंद्र शर्मा, जय दुबे, उमेश यादव, सुरेश राय, संजय श्रीवास्तव, सुखदेव, विक्रम चौहान, मधुवन यादव, ज्ञानी उरांव, अजय तिर्की, अरुण झा आदि.

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