इस मामले में आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं. पुलिस पॉलिग्राफिक टेस्ट करा रही है. खंडपीठ ने कहा कि कोई भी निर्दोष नहीं फंसना चाहिए, इस बात का पुलिस हमेशा ध्यान रखे. मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गयी. अब सुनवाई दो सप्ताह के बाद होगी. इससे पहले राज्य सरकार की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि इस मामले में गांधीनगर गुजरात स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक लेबोरेटरी (सीएफएल) में चार व्यक्तियों का पॉलिग्राफिक टेस्ट कराया जा चुका है.
दो व्यक्तियों का पॉलिग्राफिक टेस्ट कराया जाना है. एमीकस क्यूरी अधिवक्ता राजीव कुमार ने भी पक्ष रखा. मालूम हो कि वर्ष 2013 में डोरंडा क्षेत्र में बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. इस घटना को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.