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26 साल बाद बेच दी मृत व्यक्ति की जमीन
रांची : नामकुम अंचल में एक मृत व्यक्ति की बंजर जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. नामकुम अंचल के गुंदू मौजा स्थित खाता नंबर 19 और प्लॉट नंबर 225 की 93 डिसमिल जमीन अब कंप्यूटर दस्तावेज में नेल्सन लकड़ा के नाम से हो गयी है. रजिस्टर-2 में खाता नंबर 19 का पेज […]
रांची : नामकुम अंचल में एक मृत व्यक्ति की बंजर जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. नामकुम अंचल के गुंदू मौजा स्थित खाता नंबर 19 और प्लॉट नंबर 225 की 93 डिसमिल जमीन अब कंप्यूटर दस्तावेज में नेल्सन लकड़ा के नाम से हो गयी है.
रजिस्टर-2 में खाता नंबर 19 का पेज ही फाड़ दिया गया है. यह जमीन बैजनाथ सिंह (अब स्वर्गीय) के नाम से थी. इनकी मृत्यु 1980 में हुई थी. नामकुम अंचल के कर्मचारियों और अधिकारियों ने इसी का फायदा उठाते हुए नेल्सन लकड़ा को फरजी तरीके से 2006 में जमीन बेच दी.
इस बात का खुलासा तब हुआ, जब वास्तविक रैयत के आश्रितों ने जिला भू-सुधार उप समाहर्ता (एलआरडीसी) के तरफ से जमीन का म्यूटेशन और रसीद काटने का आवेदन मई 2015 में दिया. अब तक इस संबंध में नामकुम अंचल की ओर से एलआरडीसी को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है. आश्रितों की ओर से नामकुम अंचल में सूचना का अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगने पर भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
हुकुमनामे से मिली थी जमीन : आवेदक ने अपने आवेदन में इस बात का भी हवाला दिया था कि कैसे रजिस्टर-2 में हेराफेरी की गयी है. यह जमीन जमींदारी प्रथा के समय में हुकुमनामे के जरिये बैजनाथ सिंह को दी गयी थी. गुंदू में जमींदारी के समय आठ एकड़ से अधिक जमीन श्री सिंह को दी गयी. इसमें से चार एकड़ जमीन बेची गयी. शेष जमीन की बिक्री नहीं की गयी है. नामकुम अंचल में इससे संबंधित अधिकतर दस्तावेज गायब कर दिये गये हैं.
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